भंडारण सीमा का गेहूं के दाम पर होगा सीमित असर

केंद्र सरकार ने गेहूं के दाम कम करने के लिए सोमवार से भंडारण सीमा लगा दी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से गेहूं के दाम में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है, बल्कि कीमतों में हल्की गिरावट के रूप में सीमित असर होगा। इसकी वजह सरकार द्वारा तय की गई भंडारण सीमा कारोबारियों के लिए पर्याप्त है। इसके साथ ही अगले महीने से गेहूं की मांग भी बढ़ सकती है।

Jun 25, 2024 - 16:15
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भंडारण सीमा का गेहूं के दाम पर होगा सीमित असर

नई दिल्ली (आरएनआई) केंद्र सरकार ने गेहूं के दाम कम करने के लिए सोमवार से भंडारण सीमा लगा दी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से गेहूं के दाम में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है, बल्कि कीमतों में हल्की गिरावट के रूप में सीमित असर होगा। इसकी वजह सरकार द्वारा तय की गई भंडारण सीमा कारोबारियों के लिए पर्याप्त है। इसके साथ ही अगले महीने से गेहूं की मांग भी बढ़ सकती है।

उत्तर प्रदेश के गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल कहते हैं कि केंद्र सरकार ने थोक कारोबारियों के लिए 3,000 टन गेहूं के भंडारण की सीमा तय की है, जो इन कारोबारियों के लिए पर्याप्त है। इससे अधिक गेहूं का भंडारण कम ही कारोबारी करते होंगे। आटा मिल वालों को भी अपनी स्थापित मासिक क्षमता का 70 फीसदी और खुदरा कारोबारियों के लिए 10 टन भंडारण सीमा पर्याप्त है। जिससे कारोबारियों को भंडारण वाले गेहूं को बेचने की हड़बड़ी नहीं होगी। हालांकि भारी मात्रा में भंडारण करने वाले कुछ बड़े कारोबारियों को थोड़ी बहुत दिक्कत हो सकती है।

अग्रवाल ने कहा कि भंडारण सीमा पर्याप्त होने से गेहूं के दाम में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है, बल्कि अगले महीने स्कूल की छुट्टियां खत्म होने और गर्मी की मार कम होने से लोगों के बाहर निकलने से होटल, रेस्टोरेंट आदि की ओर से आटा व मैदा की मांग बढ़ सकती है। जिससे गेहूं के दाम सुधर भी सकते हैं। अगर सरकार भंडारण सीमा में बड़ी कटौती करती है, तो इसके भाव में बड़ी गिरावट संभव है।

आईग्रेन इंडिया के निदेशक व जिंस विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा कि भंडारण सीमा का गेहूं के दाम पर सीमित ही असर होगा। आगे गेहूं की मांग मजबूत होने के कारण भी गेहूं की कीमतों में ज्यादा गिरावट के आसार नहीं दिख रहे हैं।

गेहूं पर भंडारण सीमा लगने से इसकी कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। चौहान ने कहा कि 22 जून को दिल्ली में गेहूं के थोक भाव 2,680 रुपये थे, जो सोमवार को भंडारण सीमा लगने की खबर के बाद इसी दिन 30 रुपये गिरकर 2,650 रुपये क्विंटल रह गए। हालांकि आज दिल्ली में भाव सोमवार के भाव पर ही खुले।

इस दौरान इंदौर मंडी में मिल गुणवत्ता वाले गेहूं के दाम में 50 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल ने कहा कि बीते कुछ दिनों से मांग कमजोर पड़ने और भंडारण सीमा लगने से गेहूं की कीमतों में 30 से 40 रुपये क्विंटल की गिरावट आई है।

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