‘ब्राह्मण नहीं तो कथा नहीं कर सकती’, देविका किशोरी को कथा करने से रोका, कहा- पहले किसी ब्राह्मण से शादी करो

कथावाचक देविका किशोरी ने कहा कि किसी वेद पुराणों में नहीं लिखा कि ब्राह्मण ही कथा कर सकते हैं। दूसरी बात देश में हिंदुत्व की बात की जा रही है। कहा जा रहा है कि 'बंटोगे तो कटोगे', लेकिन जो लोग सनातन की बात करते हैं, वही लोग लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। 

Feb 24, 2025 - 21:00
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‘ब्राह्मण नहीं तो कथा नहीं कर सकती’, देविका किशोरी को कथा करने से रोका, कहा- पहले किसी ब्राह्मण से शादी करो

जबलपुर (आरएनआई) मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पनागर थाना क्षेत्र के रैपुरा गांव में एक महिला कथावाचक देविका किशोरी को जातिगत आधार पर श्रीमद् भागवत कथा करने से रोके जाने का मामला सामने आया है। देविका किशोरी, जिनका वास्तविक नाम देविका पटेल है, कुर्मी समाज से ताल्लुक रखती हैं. उनकी कथा 24 फरवरी 2025 से शुरू होने वाली थी, लेकिन कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने जातिगत टिप्पणियां करते हुए उन्हें कथा करने से मना किया। 

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें स्थानीय लोग देविका किशोरी को उनकी जाति और महिला होने के कारण कथा करने से रोकने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि यदि वह किसी ब्राह्मण से विवाह करती हैं तो ही उन्हें कथा करने की अनुमति दी जाएगी। इससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोग धार्मिक कार्यों में जातिगत भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं। 

पूरे मामले में टीवी9 डिजिटल से बातचीत के दौरान देविका किशोरी ने कहा कि किसी वेद पुराणों में नहीं लिखा कि ब्राह्मण ही कथा कर सकते हैं। दूसरी बात देश में हिंदुत्व की बात की जा रही है। कहा जा रहा है कि ‘बंटोगे तो कटोगे’, लेकिन जो लोग सनातन की बात करते हैं, वही लोग लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। दीपिका किशोरी ने कहा कि वह गीदड़ भभकियों से डरने वाली नहीं हैं। वह सनातन का ध्वज लेकर निकली हैं. धर्म प्रचार कर जन-जन तक उसे पहुंचाने का काम कर रही हैं। 

देविका किशोरी ने बताया कि कथा करने की प्रेरणा उन्हें कथावाचक जया किशोरी से मिली है। वह टीवी पर जया किशोरी को कथा करते हुए देखती थीं, तभी उनके मन में विचार आया कि क्यों न हम भी प्रभु की भक्ति कर लोगों तक भक्ति का प्रचार-प्रसार करें। इसके साथ ही देविका बताती हैं कि जब वह छोटी थीं, तब अपने पिता को रामायण पढ़ते हुए देखती थीं। अपने पिता से पूछती थीं कि रामायण कैसे पढ़ी जाती है। पिता द्वारा बताए गए मार्गदर्शन से आगे बढ़ीं और आज इस मुकाम तक पहुंची हैं। कहती है कि अब वह रुकने वाली नहीं हैं। 

इस घटना के बाद अखिल भारतीय ओबीसी महासंघ और कुर्मी समाज ने विरोध जताया है. उन्होंने पनागर थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. प्रदेश अध्यक्ष इंद्रकुमार पटेल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव का प्रतीक है और इसे समाप्त करने की आवश्यकता है.

वहीं संपूर्ण ब्राह्मण मंच के अध्यक्ष राम दुबे ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परंपरागत रूप से महिलाओं को व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने का अधिकार नहीं है, लेकिन वर्तमान समय में कई महिला कथावाचक यह कार्य कर रही हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्राह्मण समाज जातिगत टिप्पणी कर किसी को कथा करने से रोकने वालों से स्वयं को अलग करता है। 

पनागर थाना प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। देविका किशोरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की है। आज से पुलिस सुरक्षा के बीच उनकी कथा शुरू हो गई है, जिससे यह संदेश जाता है कि समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

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