ब्रज की अमूल्य धरोहर थे श्रीपाद बाबा महाराज : जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
वृन्दावन (आरएनआई) मोतीझील स्थित श्रीराधा उपासना कुंज में ब्रज अकादमी के तत्वावधान में ब्रज के प्रख्यात संत श्रीपाद बाबा महाराज के 27वें त्रिदिवसीय समाराधन महोत्सव के अंतर्गत संतों व भक्तों द्वारा संगीतमय सुन्दरकाण्ड का सामूहिक पाठ किया गया।तत्पश्चात आयोजित वृहद संत-विद्वत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए श्रीजानकी वल्लभ मंदिर के अध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि संत प्रवर श्रीपाद बाबा महाराज ब्रज की अमूल्य धरोहर थे।उन्होंने जन-जन के आराध्य ठाकुर श्रीराधा-कृष्ण की माधुर्यमयी व रसमयी लीलाओं का विश्वभर में प्रचार-प्रसार करके असंख्य व्यक्तियों को प्रभु भक्ति के मार्ग की ओर अग्रसर किया।इसके लिए समस्त सनातन धर्मावलंबी उनके सदैव आभारी रहेंगे।
श्रीराधा उपासना कुंज के महंत बाबा संतदास महाराज व ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने कहा कि संत शिरोमणि श्रीपाद बाबा महाराज ब्रज रानी, रज रानी एवं यमुना महारानी के अनन्य उपासक थे।इनके संरक्षण, संवर्धन व उन्नयन के लिए वे सदैव तत्पर रहते थे।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीपाद बाबा महाराज सत्यता, सहजता, सरलता, उदारता एवं परोपकारिता के मूर्तिमान स्वरूप थे।उन जैसी दिव्य विभूतियों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
प्रमुख शिक्षाविद डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा व संगीताचार्य पं. देवकीनंदन शर्मा ने कहा कि श्रीपाद बाबा महाराज जैसी पुण्यात्माएं संसार में कभी-कभार ही अवतरित होती हैं।वे ईश्वर का ही एक अंश होती हैं,जो धर्म व भक्ति के प्रचार - प्रसार के लिए पृथ्वी पर आती हैं।
इस अवसर पर ब्रज अकादमी के निदेशक डॉ. बी.बी. माहेश्वरी, हिताश्रम सत्संग भूमि आश्रम की सचिव हितप्रिया किंकरी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, रामजीवन शर्मा, अश्वनी माथुर, नंदकिशोर शर्मा, मोहन सिंह, डॉ. लक्ष्मी माहेश्वरी, श्रीमती पिंकी माथुर राजेश, वैभव (मुरादनगर), श्रीलाल शयाल, श्रीमती ममता खट्टर, प्रोफेसर अनिल सारस्वत, भानू प्रताप सारस्वत, श्रीमती वेणु सरीन, जगनमोहन त्रेहन, रमेश कोचड़, ब्रजमोहन हांडा, श्रीमती सुंदरी देवी, श्रीमती गीता, श्रीमती सीमा त्रिपाठी, भक्तिमती शशिबाला, रामायणी (आगरा), नीलेश कुशवाहा, राजकुमार लोदी, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
सायं को श्रीधाम वृन्दावन की प्रख्यात रासमंडली श्रीराधाकृष्ण बलराम रासलीला संस्थान के द्वारा रासाचार्य स्वामी बलराम दास महाराज के निर्देशन में रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।
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