बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी देने के लिए नहीं बुलाए जाने पर खफा हुए सुनील गावस्कर
ऑस्ट्रेलिया की जीत के बाद बॉर्डर ने घरेलू टीम को ट्रॉफी सौंपी, लेकिन गावस्कर जो खुद मैदान पर मौजूद थे, उन्हें ट्रॉफी देने के लिए नहीं बुलाया गया।
सिडनी (आरएनआई) भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान सुनीर गावस्कर ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सौंपने के लिए नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। मालूम हो कि इस सीरीज का नाम गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी एलन बॉर्डर के नाम पर ही है। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी टेस्ट में छह विकेट से हराकर भारत को छह विकेट से हराकर 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की है।
ऑस्ट्रेलिया की जीत के बाद बॉर्डर ने घरेलू टीम को ट्रॉफी सौंपी, लेकिन गावस्कर जो खुद मैदान पर मौजूद थे, उन्हें ट्रॉफी देने के लिए नहीं बुलाया गया। गावस्कर ने कहा, मुझे ट्रॉफी देने बुलाते तो मैं ऐसा करना पसंद करता। यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है और भारत और ऑस्ट्रेलिया की बात है। मेरा मतलब है कि मैं मैदान पर मौजूद था। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ऑस्ट्रेलिया जीता है। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला इसलिए जीते और यह सही है। यह सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं। मुझे अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देते हुए खुशी होती।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1996-97 से टेस्ट सीरीज बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से खेली जा रही है और दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता टेस्ट क्रिकेट की सर्वोच्च प्रतिद्वंद्विता में से एक है। मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पांच मैचों के दौरान हर मैदान पर दर्शकों की भारी भीड़ देखी गई थी। पिछले सप्ताह मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर दर्शकों के आने का 87 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूटा था। भारत ने पर्थ में खेला गया पहला टेस्ट जीता था, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट में जीत दर्ज की थी। इसके बाद दोनों टीमों के बीच ब्रिसबेन में खेला गया मैच ड्रॉ रहा था, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने फिर मेलबर्न और सिडनी में जीत हासिल कर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
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