बेजुबानों की सेवा भी ईश्वरीय भक्तिः विद्यायक डा. डी.सी वर्मा
वेटरनरी विवि के 13 वें दीक्षांत समारोह में किया प्रतिभाग, बृजवासियों ने स्मृति चिन्ह देकर किया जोशीला स्वागत
मथुरा (आरएनआई) अन्नदाताओं एवं पशुपालकों की सेवा तथा उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना ही वेटरनरी वि.वि का असली मकसद है। शोध, शिक्षा एवं प्रसार वि.वि का वास्तविक आधार है। वेटरनरी वि.वि का बृजभूमि में होना बडे गौरव की बात है। बेहतर शिक्षा ही विकसित देश की नींव होती है। ये विचार उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, दुवासू मथुरा के कार्य परिषद के सदस्य एवं मीरगंज बरेली यूपी के तेज तर्रार युवा विद्यायक डा. डी.सी वर्मा ने व्यक्त किए। वो सोमवार को वेटरनरी विवि में 13 वेें दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग कर रहे थे। उन्होने बताया कि बेजुबानों की सेवा ईश्वरीय भक्ति का पर्याय है। क्योंकि जो अपना दर्द, कष्ट और बीमारी को मुंह से बता नहीं सकते हैं, उनका इलाज करना और भी कठिन होता है। ऐसे में पशु चिकित्सक का अनुभवी एवं तेज होना बहुत जरुरी है। हर चिकित्सक को डिग्री लेते समय संकल्प लेना चाहिए कि वो सदैव राष्ट्र को सर्वोपरि मानें। अपनी जीविका के साथ राष्ट्र को कुछ ना कुछ जरुर समर्पित करें। जीवन में कभी हार न मानें, निराशा ना लाएं। निरंतर प्रयास ही जीत के सभी रास्ते खोलता है। जीवन में सब कुछ बनना आसान है, बस सिर्फ आप एक अच्छे इंसान बन जाओ।
पशु चिकित्सा क्षेत्र में महिला चिकित्सों ने भी अपना हौंसला दिखाया है जो काबिले तारीफ है। देश के विकास में किसानों, पशुपालकों की अहम भूमिका है। खेती और पशुपालन एक दूसरे के पूरक है। इसलिए हर इंसान को देश के अन्नदाताओं, पशुपालकों का तहेदिल से सम्मान, सहयोग और सेवा करनी चाहिए। विद्यायक डा वर्मा ने बताया कि बरेली एक ऐसा शहर जहां के सबसे ज्यादा विद्यायक डाक्टर हैं।
ये गर्व की बात है, बच्चों की सहूलियत के लिए बैचलर आफ वेटरनरी साइंस एंड एनीमल हसबेंड्री (बीवीएससी-एच) के लिए सिर्फ एक ही परीक्षा होनी चाहिए। मथुरा के वेटरनरी वि.वि के छवि पूरे देश में बेहतरीन है। कुलपति प्रो डा. ए.के श्रीवास्तव के अथक प्रयासों से इसकी तस्वीर और बेहतरीन हुई है। शीघ्र ही यहां दो नए महाविद्यालयों का संचालन शुरु होने जा रहा है। जिससे योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि में स्थित वेटरनरी वि.वि के विकास में और चार चांद लगेंगे। लोगों रोजगार एवं शिक्षा का लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि चाहे पशु हो या इंसान दोनो के लिए गर्भावस्था में संतुलित आहार स्वस्थ्य जीवन का आधार होता है। माताएं बच्चे के प्रथम एक हजार दिनों तक पूर्ण रुप से पौष्टिक आहार जरुर दें। पूरे देश से कुपोषण मिटना चाहिए। इसमें हर कोई अपनी जिम्मेदारी जरुर समझें। दीक्षांत समारोह में शिरकत करने से पूर्व विद्यायक डा डीसी वर्मा का बृजवासियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, किसानों एवं पशुपालकों ने उनका संयुक्त रुप से पटुका ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर जोशीला स्वागत किया। स्वागत करने वालों में प्रमुख रुप से डा आर.के राजपूत, डा अंबिका अरुण, ठाकुर जितेन्द्र सिंह सिसौदिया, ठाकुर आर.एन सिसौदिया, एसडीओ डीपी सिंह, सीए राजन सिंह राजपूत, ज्योति वर्मा, रवि क्षत्रिय लोधी, महावीर सिंह, राजू राजपूत, एन.एस सिसौदिया, गरिमा सिंह राजपूत, विनीता ठाकुर, कृष्णा राजपूत, विवेक राजपूत, गौरी सिंह आदि शामिल रहे। उन्होने सभी डिग्रीधारकों को शुभकामनाएं दी।
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