बेंजामिन नेतन्याहू की जिंदगी के अनसुने पहलू

पिछले हफ्ते आज ही के दिन हमास ने इस्राइल में हमला किया था। उसके बाद से इस्राइली सेना और हमास के बीच लगातर युद्ध छिड़ा हुआ है। इस बीच लोग इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भी चर्चा कर रहे हैं। लोगों को उनके बारे में जानने की दिलचस्पी हो रही है। तो आइये जानते हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू के बारे में...

Oct 13, 2023 - 16:00
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बेंजामिन नेतन्याहू की जिंदगी के अनसुने पहलू
नई दिल्ली (आरएनआई) पिछले हफ्ते आज ही के दिन हमास ने इस्राइल में हमला किया था। उसके बाद से इस्राइली सेना और हमास के बीच लगातर युद्ध छिड़ा हुआ है। इस बीच लोग इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भी चर्चा कर रहे हैं। लोगों को उनके बारे में जानने की दिलचस्पी हो रही है। तो आइये जानते हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू के बारे में...
बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म साल 1949 में तेल अवीव में हुआ था। उन्हें 'बीबी' नाम से भी बुलाया जाता है। नेतन्याहू इस्राइल के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म देश की स्थापना के बाद हुआ। इस्राइल की स्थापना 1948 में हुई थी। तेल अवीव में जन्में नेतन्याहू के युवावस्था के कुछ साल यरूशलम में गुजरे।
तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर के नेतन्याहू ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1967 में देश की सेना ज्वाइन की थी। 18 साल की उम्र में सेना में शामिल होने वाले नेतन्याहू पांच साल तक खतरनाक सायरट मत्कल नाम की स्पेशल फोर्स के स्पेशल कमांडो रहे। 
 
इस दौरान नेतन्याहू ने ऑपरेशन इनफर्नो, ऑपरेशन गिफ्ट और ऑपरेशन इसोटॉप सहित कई बड़े सैन्य अभियानों में भाग लिया। इसके अलावा उन्होंने कई वॉर ऑफ अट्रिशन, योम किप्पूर जैसे बड़े युद्धों में इस्राइली सेना की ओर से भाग लिया। किप्पूर युद्ध में अपनी वीरता के लिए उन्हें कैप्टन का तमगा मिल गया। 
 
उस दौरान सेना की वर्दी में कमांडों के रूप में नेतन्याहू की आकर्षक तस्वीरें इस्राइल के युवाओं के बीच खासी लोकप्रिय हुआ करती थी। खासकर युवतियों के बीच शानदार कद काठी वाले नेतन्याहू का जबरदस्त क्रेज हुआ करता था।
साल 1972 में सेना से अलग होने के बाद नेतन्याहू पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए। नेतन्याहू ने यहां बॉस्टन स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से आर्किटेक्चर में स्नातक और बिजनेस में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके अलावा उन्होंने एमआईटी और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की भी पढ़ाई की।
नेतन्याहू के बड़े भाई योनातन नेतन्याहू भी इस्राइली सेना में कैप्टन थे। योनातन दुनिया के सबसे खतरनाक मिशन ऑपरेशन एंटबी को अंजाम देने वाली टीम के कमांडर रहे थे। बता दें कि ऑपरेशन एंटबी या थंडरबोल्ट आतंवादियों द्वारा युगांडा में कैद इस्राइली लोगों को छुड़ाने के लिए साल 1976 में चलाया गया था। इसी मिशन के दौरान योनातन की जान चली गई थी। उनकी मौत के बाद उनके सम्मान में इस मिशन का नाम ऑपरेशन योनि रख दिया गया था।
पढ़ाई पूरी कर नेतन्याहू वापस लौटे और भाई योनातन की याद में 'योनातन एंटी टेररिस्ट इंस्टीट्यूट' बनाया। नेतन्याहू पर भाई की मौत का बेहद गहरा असर हुआ और यहीं से उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई का दृढ़ बांध लिया। 

इसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया और लिकुड पार्टी से नेसेट के सदस्य (सांसद) बन गए। साल 1993 में नेतन्याहू लिकुड पार्टी के प्रमुख बन गए। तीन साल बाद ही 1996 में अपनी जबरदस्त लोकप्रियता के चलते वह सबसे कम उम्र में देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में सफल रहे। नेतन्याहू ने निवर्तमान लेबर पार्टी के उम्मीदवार शिमोन पेरेज को चुनाव में करारी शिकस्त दी। 
 
हालांकि, तीन साल बाद ही 1999 में हुए आम चुनावों में उन्हें लेबर पार्टी के उम्मीदवार एहुद बराक के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद उन्होंने प्राइवेट सेक्टर की ओर रुख कर लिया। हालांकि, वह ज्यादा दिन तक राजनीति से दूर नहीं रह सके और साल 2002 में फिर वापस लौटे और प्रधानमंत्री एरियल शेरोन की सरकार में विदेश और वित्त मंत्री का पद संभाला। 

2009 में हुए आम चुनावों में वह गठबंधन सरकार में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और साल 2013 के चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार प्रधामनंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। वर्षों तक प्रधानमंत्री रहने के बाद भी उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। यही कारण है कि साल 2015 में हुए आम चुनावों में एक बार फिर वह प्रधानमंत्री चुन लिए गए। इसके साथ ही चौथी बार प्रधानमंत्री बने नेतन्याहू ने देश के संस्थापक रहे बेन गुरियर के चार बार प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। 

प्रधानमंत्री के रूप में नेतन्याहू की पांचवीं पारी मई 2020 में शुरू हुई। इस दौरान उन्होंने बैनी गैंज की पार्टी ब्लू एंड व्हाइट के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। 2022 के आम चुनावों के बाद एक बार फिर नेतन्याहू ने गठबंधन सरकार बनाई और छठी बार दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री बने।
इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने तीन बार शादी की है। नेतन्याहू की पहली शादी मिरियम वीजमैन से हुई, जिनसे वह इस्राइल में मिले। दोनों से एक बेटी हुई, जिसका नाम नोआ है। वीजमैन जब गर्भवती थीं, तभी नेतन्याहू की मुलाकात ब्रिटिश छात्रा फ्लेयर काटेस से हुई और दोनों का अफेयर शुरू हो गया। अफेयर की जानकारी होते ही वीजमैन ने नेतन्याहू से राहें अलग कर लीं और तलाक ले लिया। 1981 में नेतन्याहू ने काटेस से रिश्ते के बंधन में बंध गए। हालांकि, यह बंधन भी ज्यादा दिन नहीं चला और दंपती का 1984 में तलाक हो गया। 

इसके बाद सारा बेन-आरत्जी के रूप में नेतन्याहू की जिंदगी में तीसरी पत्नी आईं। सारा तलाकशुदा महिला थीं और जब दोनों की मुलाकात हुई, तब वह फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी कर रही थीं। दोनों ने 1991 में शादी की, जिनसे दो बच्चे याइर और अवनेर हुए।
नेतन्याहू कई भाषाओं के जानकार हैं। उन्होंने हिब्रू और अंग्रेजी में कई किताबें लिखीं जिनका अनुवाद रूसी, फ्रेंच, अरबी, जापानी जैसे भाषाओं में भी हुआ। 
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