बीजेपी-आरएसएस के आठ कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास, 2013 में की थी माकपा कार्यकर्ता की हत्या
अदालत ने सभी दोषियों पर कुल 6.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा कि अगर दोषियों से पूरा जुर्माना वसूला जाता है, तो यह राशि मृतक की विधवा और बच्चों को दी जाएगी।
तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल की एक अदालत ने बुधवार को भाजपा-आरएसएस के आठ कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने 10 जनवरी को इन्हें मई 2013 में आलमकोड के पास एक माकपा कार्यकर्ता की पिटाई और चाकू घोंपकर हत्या करने के मामले में दोषी ठहराया था।
तिरुवनंतपुरम के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सुदर्शन ने शंभू कुमार उर्फ शंभू, श्रीजीत उर्फ उन्नी, हरिकुमार, चंद्रमोहन उर्फ अंबिली और संतोष उर्फ चंदू को हत्या और आपराधिक साजिश के लिए दोहरी आजीवन कारावास की सजा दी। सजाएं एक साथ चलेंगी और प्रत्येक पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
अदालत ने तीन अन्य अभिषेक उर्फ अन्नी संतोष, प्रशांत उर्फ पझिनजी प्रशांत और सजीव को आपराधिक साजिश के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने प्रत्येक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अदालत ने सभी दोषियों पर कुल 6.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा कि अगर दोषियों से पूरा जुर्माना वसूला जाता है, तो यह राशि मृतक की विधवा और बच्चों को दी जाएगी।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर सरकार द्वारा आठों दोषियों की आजीवन कारावास की सजा माफ या कम कर दी जाती है, तो विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में बिताए गए उनके समय को उन्हें दी जाने वाली सजा में से घटा दिया जाएगा।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) एए हकीम ने अदालत को बताया था कि पीड़ित की हत्या के पीछे का कारण श्रीकुमार के दोस्त आद बीनू और एक आरोपी शंभू के बीच वित्तीय विवाद था। एसपीपी ने कहा था कि श्रीकुमार ने वित्तीय विवाद में हस्तक्षेप किया था और शंभू को घायल कर दिया था। इसके बाद, आठ आरोपियों ने बदला लेने की योजना बनाई और 5 मई, 2013 को आलमकोड के पास पीड़ित की पिटाई की और चाकू घोंपकर हत्या कर दी।
विशेष लोक अभियोजक ने यह भी कहा कि मामले में आठ अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव के कारण बरी कर दिया गया था।
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