बीएपीएस ने अहमदाबाद की धरती पर लिखा स्वर्णिम इतिहास, ऐतिहासिक कार्यकर स्वर्ण महोत्सव का किया आयोजन
गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश-विदेश में 1200 से अधिक मंदिरों का निर्माण करके प्रमुख स्वामी महाराज ने भारतीय संस्कृति को जीवित रखने का काम किया है। स्वामी महाराज के साथ मेरा संबंध मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है।
अहमदाबाद (आरएनआई) बीएपीएस संस्था ने अंतरराष्ट्रीय कार्यकर स्वर्ण महोत्सव का भव्य और दिव्य समापन समारोह आयोजित किया। शानदार और अभूतपूर्व कार्यक्रम में बीएपीएस संस्था के एक लाख निस्वार्थ कार्यकर्ताओं ने रंगारंग प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि बीएपीएस के मंदिर भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं। कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्वामीनारायण मंदिर संस्था ने दुनियाभर में मंदिरों का निर्माण कर भारतीय संस्कृति को जिंदा रखा।
बीएपीएस कार्यकर्ता स्वर्ण महोत्सव का समापन समारोह आज विश्व के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम में संपन्न हुआ। सेवा, समर्पण, और गुरुभक्ति से ओतप्रोत एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं का भव्य अभिनंदन अनेक रोमांचक प्रस्तुतियों के माध्यम से किया गया। कार्यक्रम के दौरान एक लाख प्री-प्रोग्राम्ड रिस्ट बैंड्स, 2000 परफॉर्मर्स ने प्रस्तुति दी। एक लाख कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक आरती से नरेंद्र मोदी स्टेडियम रोशनी से जगमगा गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में एक विशेष रथ में भगवान की मूर्ति के साथ परम पूज्य महंत स्वामी महाराज का आगमन हुआ, जिसने पूरे वातावरण को अलौकिक बना दिया। स्टेडियम में रथ के गुजरने के साथ एक समानांतर प्रस्तुति भी चली, जिसमें दिखाया गया कि जैसे-जैसे रथ आगे बढ़ा, कार्यकर्ताओं ने सत्पुरुष के संपर्क से प्रेरणा पाई। बिखरे हुए मोती एक माला में पिरोए गए, और गुलाब की पंखुड़ियां स्वर्ण पंखुड़ियों में परिवर्तित हो गईं। इस अर्थपूर्ण और आकर्षक तरीके से महंत स्वामी महाराज का स्वागत किया गया। जैसे सूर्योदय के साथ कमल खिलता है, वैसे ही महंत स्वामी महाराज के आगमन से कार्यकर्ता खिल उठे, और यह प्रस्तुति सभी को भाव-विभोर कर गई।
इस विशेष प्रस्तति को 955 बाल और युवा कलाकारों ने प्रस्तुत किया। इसे तैयार करने के लिए 550 पुष्प पंखुड़ियां और 225 मोतियों का निर्माण करने में चार महीने का समय लगा। इसके बाद, 'कार्यकर्ता स्वर्ण महोत्सव' के उत्सवगीत ने सभी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार कर दिया। 'सेवा की परम ज्योति महान' की गूंज के साथ एक भव्य पुष्प अपनी आकर्षक पंखुड़ियों के साथ खिला, और यह प्रस्तुति अत्यंत सुंदर थी। इसके अतिरिक्त, विशाल आकार में 'स्वागतम' शब्द को कलाकारों ने सुंदर आकृति में प्रदर्शित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो संदेश में कहा कि 'बीएपीएस की कार्यकर्ता शक्ति मानवजाति के हित के लिए है। बीएपीएस के कार्यकर्ता दुनिया में भारत के प्रभाव को उजागर कर रहे हैं। बीएपीएस के मंदिर भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल शामिल हुए। कार्यक्रम में अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'प्रमुख स्वामी महाराज ने कई परिस्थितियों में मुझसे कहा है, 'भगवान सब अच्छा करेंगे,' और वह शक्ति हमेशा मेरे साथ रही है। देश-विदेश में 1200 से अधिक मंदिरों का निर्माण करके प्रमुख स्वामी महाराज ने भारतीय संस्कृति को जीवित रखने का काम किया है। स्वामी महाराज के साथ मेरा संबंध मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। हाल ही में अबू धाबी में बीएपीएस द्वारा निर्मित मंदिर ने दुनिया को भारत की आध्यात्मिक शक्ति का परिचय दिया है। हमें पारिवारिक शांति के लिए प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा शुरू किए गए 'घर सभा' जैसे अभियानों को आगे बढ़ाना है। मैं शास्त्रीजी महाराज से लेकर महंत स्वामी महाराज तक की गुरु परंपरा को दिल से वंदन करता हूं।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि 'यह कार्यक्रम नए भारत के निर्माण का प्रेरक उत्सव है। बीएपीएस संस्था पूरे विश्व में भगवान स्वामिनारायण के कार्यों और सनातन हिंदू धर्म के प्रचार का महान कार्य कर रही है।
संस्था के प्रवक्ता ने बताया – 'आज का कार्यक्रम तीन विभाग पर आधारित था: बीज, वृक्ष और फल।
बीज: शास्त्रीजी महाराज, योगीजी महाराज और प्रमुखस्वामी महाराज ने समर्पण, नैतिकता, और निष्ठा के बीज बोए, जिनसे कार्यकर्ताओं का जीवन गढ़न हुआ।
वृक्ष: सेवा करते हुए कार्यकर्ताओं ने भक्ति, विनम्रता और प्रामाणिकता जैसे जीवन मूल्यों को जीवन में दृढ़ किए। चाहे कैसी भी परिस्थितियां हों, इन मूल्यों से प्रेरित कार्यकर्ता अडिग रहते हैं।
फल: कार्यकर्ताओं का समर्पण और भक्ति से ऐसा वातावरण बना, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आए हैं। इनकी सेवाएं दर्शाती हैं कि असंभव भी संभव हो सकता है।
महंत स्वामी महाराज को पुष्पहारों से सम्मानित करने के बाद, महोत्सव का समापन महाआरती के साथ हुआ, जिसमें सभी को दिव्य भावसमाधि का अनुभव हुआ।
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