बी.एस.ए. में नये कानूनों पर आधारित मूट कोर्ट का आयोजन, पूर्व जिला न्यायाधीश और बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष रहे मुख्य आकर्षण

मथुरा (आरएनआई) बी.एस.ए. (पी.जी.) कॉलेज, मथुरा के विधि विभाग में नये आपराधिक कानूनों के तहत एक प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक मूट कोर्ट का आयोजन किया गया, जिसने छात्रों को न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों से रूबरू कराया। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम सहगामी क्रिया के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे माननीय पूर्व जिला न्यायाधीश (एच.जे.एस.) श्री उमाशंकर शर्मा जी , जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवान्वित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा रहे, जिनका प्रेरक मार्गदर्शन छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ।
अतिथियों का स्वागत प्राचार्य व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ एस.के. राय ने दुपट्टा पहना कर व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। इस अवसर पर प्रशिक्षक डॉ. वेद प्रकाश राय, डॉ. ए.के. सिंह, डॉ. जे.के. सिंह , डॉ. रेखा राय और मीडिया प्रभारी डॉ. रवीश शर्मा की सक्रिय सहभागिता रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों , प्राचार्य व महाविद्यालय के प्रोफेसरगण ने मां सरस्वती जी के चित्र पर संयुक्त रूप से माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात मूट कोर्ट का आयोजन किया गया।मूट कोर्ट में छात्रों ने अद्वितीय ऊर्जा और गंभीरता के साथ न्यायिक भूमिकाएँ निभाईं। मोहिनी सारस्वत ने न्यायाधीश की भूमिका को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया, जबकि रितु शर्मा, कौशल दिवाकर, टयून्द्र सिंह सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने अधिवक्ता की भूमिका निभाकर अपने तार्किक कौशल का परिचय दिया।
मुख्य अतिथि माननीय पूर्व न्यायाधीश(एच.जे.एस.) श्री उमाशंकर शर्मा जी ने कहा कि मैं बी.एस.ए. कॉलेज के विधि विभाग को इस सार्थक पहल के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। नई शिक्षा नीति में न्यायिक शिक्षा को व्यावहारिक बनाना आवश्यक है और मूट कोर्ट का यह आयोजन उसी दिशा में एक सशक्त कदम है। इससे छात्रों में न्याय व्यवस्था की गहरी समझ विकसित होती है, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव बनेगी।
मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि बाल अधिकारों की रक्षा तभी संभव है जब हमारे भावी अधिवक्ता और न्यायिक अधिकारी बाल न्याय प्रणाली को गहराई से समझें। इस तरह के आयोजन छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान से व्यावहारिक जगत की ओर ले जाते हैं। मैं कॉलेज प्रशासन और विधि विभाग को इसके लिए धन्यवाद देता हूँ।
प्राचार्य ने अपने भाषण में कहा कि बी.एस.ए. कॉलेज सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है। मूट कोर्ट जैसे आयोजन हमारे छात्रों को आत्मविश्वास और व्यावहारिक बनाते हैं। मुझे गर्व है कि हमारे विधि विभाग ने यह सराहनीय आयोजन किया।
इस आयोजन ने न केवल छात्रों में आत्मविश्वास का संचार किया, बल्कि उन्हें न्यायिक प्रणाली की जमीनी समझ भी प्रदान की। बी.एस.ए. कॉलेज का यह प्रयास विधि शिक्षा में नवाचार और व्यावहारिकता का सशक्त उदाहरण बन गया है।
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