बिहार विधान परिषद से निष्कासित रामबली की याचिका पर सुनवाई, SC ने सचिवालय से मांगा जवाब
राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक बयान जारी कर कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण रामबली सिंह को 6 फरवरी, 2024 को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। आरजेडी के तत्कालीन उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह की तरफ से पिछले साल 2 नवंबर को दायर याचिका का निपटारा करते हुए अयोग्यता आदेश पारित किया गया था।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने एमएलसी के रूप में अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती देने वाली आरजेडी नेता रामबली सिंह की याचिका पर बिहार विधान परिषद से जवाब मांगा है। मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने बिहार विधान परिषद, उसके सचिव और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर रामबली सिंह की याचिका पर जवाब मांगा है। वहीं अब इस मामले में पीठ ने 25 अक्टूबर को फिर सुनवाई करने की तारीख तय की है।
शीर्ष अदालत अधिवक्ता ब्रजेश कुमार के माध्यम से दायर रामबली सिंह की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। उच्च न्यायालय ने रामबली सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने आचरण से स्वेच्छा से अपनी राजनीतिक पार्टी छोड़ दी है और इसलिए उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है।
रामबली सिंह 29 जून, 2020 को विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे और उनका छह साल का कार्यकाल 28 जून, 2026 को समाप्त होना था।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?