बिस्कोमान अध्यक्ष का पद तो छिन चुका; सुनील सिंह की विधान परिषद् की सदस्यता भी कर दी गई रद्द
विधान परिषद् की आचार समिति ने सुनील सिंह पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। आरोप लगाया गया कि सुनील सिंह पिछली चार बैठक से सदन में उपस्थित नहीं हुए। पांचवीं में वह आए लेकिन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं।
पटना (आरएनआई) पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई राजद कोर्ट से एमएलसी सुनील की सदस्यता रद्द हो गई है। विधान परिषद् की आचार समिति ने सुनील सिंह पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। आरोप लगाया गया कि सुनील सिंह पिछली चार बैठक से सदन में उपस्थित नहीं हुए। पांचवीं में वह आए लेकिन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। उनका व्यवहार भी असंसदीय और लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे में उनकी सदस्यता क्यों न रद्द कर दी जाए। इसके मानसून सत्र के अंतिम बैठक में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। उपसभापति रामवचन ने उनकी सदस्यता रद्द करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी।
सुनील सिंह ने कहा कि एक लोकसभा सदस्य बनने के लिए दूसरे ने उपसभापति बनने के लिए ऐसी रिपोर्ट तैयार की और हमारी बलि दे दी। उनका इशारा सीतामढ़ी से संसद बने पूर्व सभापति देवेश चंद्र ठाकुर और उपसभापति रामवचन राय ओर था।
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