बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें, बांधों के गेट खुलने पर ग्रामीणों को करें सूचित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर सुरक्षा सुनिश्चित करें: मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुल-पुलियों और रपटों पर बहाव तेज हो तो आवागमन न किया जाए मंत्रालय से हुई वीडियो कांफ्रेंस से जुड़े प्रदेश के सभी जिले गुना के एनआईसी कक्ष में कलेक्‍टर, पुलिस अधीक्षक सहित जिले के अधिकारी जुडे़ वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से। 

Jul 29, 2024 - 21:57
Jul 29, 2024 - 21:57
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बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें, बांधों के गेट खुलने पर ग्रामीणों को करें सूचित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल_गुना (आरएनआई) मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि वर्षा काल में प्रदेश में कहीं भी जन हानि न हो, इसके लिए सभी कलेक्टर्स अपने नेतृत्व में जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपे। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करे। संबंधित अमला चैतन्य रहे और घटना-दुर्घटना के पूर्व आम जनता को आगाह भी किया जाए। अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो कलेक्टर्स समय पर बताएं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के बेसमेंट में संचालित कोचिंग केंद्रों के सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में वर्षा की स्थिति और कुछ जिलों में बाढ़ की आशंका के संबंध में समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अनेक जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों के संबंध में चर्चा कर निर्देश दिए।

वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव द्वारा बाढ़/अतिवृष्टि की स्थि‍ति के संबंध में कलेक्‍टर्स/ कमिश्‍नर्स के साथ समीक्षा की गई। इस दौरान कलेक्‍टर जिला कलेक्‍ट्रेट के एनआईसी कक्ष में कलेक्‍टर डॉ. सतेन्‍द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्‍हा, अपर कलेक्‍टर अखिलेश जैन सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित कर, जहां दुर्घटनाएं पूर्व में हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। स्थानीय स्तर पर तालमेल रहे। जिलों और तहसीलों की परस्पर जानकारी रहे। अति वर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से प्रशासन को निपटना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोई जनहानि न हो, इसके लिए सजग रहें। निरंतर मानीटरिंग होती रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कंट्रोल रूम की ड्यूटी वाले अधिकारी- कर्मचारी 24 घंटे चैतन्य रहें। जरूरत के अनुसार स्काउट- गाइड और सेवा भावी संस्थाओं की सेवाएं अति वर्षा की स्थिति में प्राप्त करें।

आवश्यक सेवाओं में बाधा न हो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्षा के दिनों में पेयजल आपूर्ति में स्वच्छता का ध्यान रखें। आम जनता को जीवन की उपयोगी वस्तुएं बिना बाधा के मिलती रहें। आवश्यक सेवाओं को सुनिश्चित किया जाए। वर्षाकाल में उत्पन्न समस्याओं के कारण मवेशियों की मृत्यु भी हो जाती है। कहीं मृत मवेशी न रखे रहें, उनको उठवाने का कार्य समय पर किया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन पुल-पुलियों अथवा रपटों पर जल बहाव तेज हो, वहां से नागरिकों को आवागमन न करने दिया जाए। उनकी जीवन रक्षा के लिए आवश्यक तैराक दल भी ऐसी जगह पर उपलब्ध रहना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र का जिले और तहसील से संपर्क रहे। जहां दुर्घटना की या जल भराव ज्यादा होने के आशंका है, आवश्यक ध्यान रखा जाए।

मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना- जाना निरंतर होता है। इसका जिला वार आकलन किया जाए। त्यौहारों पर नागरिकों के धर्म स्थलों पर जाने के मार्ग और अथवा उन स्थानों पर भी आवश्यक सुरक्षा आवश्यक है, जो धर्मस्थल जल स्रोतों के पास या नदियों के पास हैं। ऐसी जगहों पर जहां जल स्तर बढ़ सकता है,वहां सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर नजर रखी जाए। 

जल संसाधन विभाग द्वारा एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और नागरिकों को एसएमएस अलर्ट की व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही राजस्व एवं राहत आयुक्त के अमले द्वारा वर्षा से क्षति पर रिपोर्ट तैयार करने, जिला प्रशासन द्वारा नागरिकों को भारी वर्षा की चेतावनी और एसएमएस अलर्ट देने के साथ ही एसडीआरएफ एवं राज्य आपदा केंद्र के स्टाफ द्वारा जिला प्रशासन और नागरिकों को सूचित कर सजग करने की भूमिका निभाई जा रही है।

मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा द्वारा पूर्व में प्रदेश के सभी जिलों को अति वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।


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