बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध हैः-संजय कुमार निगम

Apr 30, 2025 - 18:32
Apr 30, 2025 - 18:37
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बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध हैः-संजय कुमार निगम

हरदोई (आरएनआई) जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी/जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय निगम ने बताया है कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह करने की रुढिवादी परम्परा समाज में आज भी विद्यमान है। इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया है। उन्होंने जनपद के समस्त सम्मानित प्रबुद्वजनों से अपील भी की है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के निर्देशानुसार तथा शासन की मंशा के अनुरूप बालक/बालिकाओं के सर्वाेत्तम हित के दृष्टिगत 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर किसी भी वर्ग के बाल विवाह को रोकने में हर सम्भव मदद करें। बाल विवाह अधिनियम 1929, यथा संशोधित 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करना/कराना दोनों तरफ से कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर जुर्माना तथा सजा का प्रावधान है। यदि कोई भी व्यक्ति/संस्था जिसकों बाल विवाह के सम्पन्न होने की जानकारी या बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त, होने पर अपने इलाके के पुलिस अधिकारी,बाल कल्याण समिति कार्यालय, जिला बाल संरक्षण कार्यालय, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, पुलिस हेल्पलाइन 112, महिला हेल्पलाइन 181 एवं जिला मजिस्ट्रेट  को लिखित या मौखिक रूप से सूचित कर सकते है। उन्होंने बताया कि वह बालिका जिसने 18 वर्ष की आयु न पूरी की हो एवं वह बालक जिसने 21 वर्ष की आयु न पूरी की हो वह बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कानूनी अपराध है ऐसे विवाह करवाने वाले व्यक्तियों या सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों जैसे-पंडित, मौलवी, पादरी, माता-पिता एवं रिस्तेदार, दोस्त, प्रिंट प्रेस, टेंट व्यवसायी, मैरिज हाल, बैड बाजा, कैटर्स, फोटोग्राफर इत्यादि द्वारा बाल विवाह को सहमति देना, बढ़ावा देना या शामिल होने पर उनके विरूद्व दो वर्ष की कठोर कारावास/एक लाख जुर्माना या दोनो का प्रविधान है।

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Laxmi Kant Pathak Senior Journalist | State Secretary, U.P. Working Journalists Union (Regd.)