बाबा बर्फानी की यात्रा से अर्थव्यवस्था हुई मजबूत, होटलों में 80% कमरे बुक
मौजूदा समय में यात्री निवास के आस-पास के रघुनाथ बाजार, हरि मार्केट, गुरुद्वारा सुंदर सिंह रोड और ज्यूल चौक क्षेत्र स्थित होटल 80 प्रतिशत पैक चल रहे हैं। इनमें सामान्य दिनों में 10 से 20 प्रतिशत ही काम रहता है। अब माथा टेककर भक्त लौटना शुरू हो जाएंगे जिससे कारोबार में और वृद्धि होगी।
जम्मू (आरएनआई) अमरनाथ यात्रा शुरू होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। बाजार में पैसे का प्रवाह बढ़ने से पर्यटन और होटल व्यवसाय से जुड़े धंधों की कमाई में वृद्धि दर्ज की गई है। यात्रा से जुड़े रेहड़ी, फड़ी, ड्राई फ्रूट, होटल, टूर एंड ट्रैवल, पिट्ठू, पालकी, डांडी आदि व्यवसायों की कमाई में भी उछाल से व्यापारी वर्ग खुश है। यात्रियों के आगमन से जम्मू के होटलों में 80 फीसदी कमरे बुक हो चुके हैं। यात्रा से धार्मिक पर्यटन भी बढ़ रहा है। अमरनाथ यात्रा के बाद यात्री जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं।
आल जम्मू होटल लगेज एसोसिएशन के प्रधान पवन गुप्ता का कहना है कि होटल चलाने वाले व्यापारी अमरनाथ यात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह ऐसी बड़ी यात्रा है जो जम्मू से होकर गुजरती है। कटड़ा तक अब ट्रेन पहुंच जाने से भक्त सीधे वैष्णो देवी पहुंच जाते हैं।
वर्ष 2023 में अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से 38 प्रतिशत श्रद्धालु गए। 62 प्रतिशत सीधे पहुंचे। मौजूदा समय में यात्री निवास के आस-पास के रघुनाथ बाजार, हरि मार्केट, गुरुद्वारा सुंदर सिंह रोड और ज्यूल चौक क्षेत्र स्थित होटल 80 प्रतिशत पैक चल रहे हैं। इनमें सामान्य दिनों में 10 से 20 प्रतिशत ही काम रहता है। अब माथा टेककर भक्त लौटना शुरू हो जाएंगे जिससे कारोबार में और वृद्धि होगी। लौटकर आने वाले अधिकांश लोग जम्मू में ही खरीदारी करते हैं।
50 से 60 छोटे वाहन कश्मीर के लिए रोजाना जा रहे
टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन बीसी रोड के प्रधान आशुतोष गुप्ता का कहना है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान रोजाना जम्मू से कश्मीर के लिए 50 से 60 छोटे वाहन यात्रियों को लेकर रवाना हो रहे हैं। उम्मीद है कि आगामी दिनों में यह आंकड़ा बढ़ेगा। रेल के जरिये जम्मू पहुंचने वाले अधिकांश लोग यहीं से वाहन लेकर जाते हैं।
चैंबर एंड कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के प्रधान अरुण गुप्ता का कहना है कि सरकार को कश्मीर की तरह जम्मू पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। अगर किन्हीं कारणों से यात्रा रुकती है तो तीर्थ यात्रियों को एक से दो दिन जम्मू में रखने के लिए आकर्षक साधन होने चाहिएं। इसके लिए लंबित पर्यटन परियोजनाएं कृत्रिम झील, तवी रिवर फ्रंट, मुबारक मंडी परिसर का जीर्णोद्धार जल्द पूरी की जानी चाहिए।
पर्यटन निदेशक जम्मू विवेकानंद राय के अनुसार फिलहाल अमरनाथ यात्रा जारी है। अगर आपात स्थिति में यात्रा रुकती है, तो यात्रियों को आरएस पुरा स्थित सुचेतगढ़ भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पर रिट्रीट सेरेमनी को दिखाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा सुरईंसर, मानसर, अंबारन आदि पर्यटन स्थलों पर भी यात्रियों को भेजा जाएगा। इसके लिए परिवहन की व्यवस्था भी की जाएगी।
भविष्य में भी यात्रा का आधार शिविर भगवती नगर में ही रखा जाए।
शहर के बाहर मजीन में यात्री निवास बनने से कारोबार खत्म हो जाएगा
स्थानीय पर्यटन स्थलों तक तीर्थ यात्रियों की पहुंच बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
2003 की रिपोर्ट के अनुसार पवित्र गुफा में हिमलिंग को अधिक देर तक रखने के लिए उचित उपाय किए जाएं।
यात्रियों को आकर्षित करने के लिए भविष्य में जम्मू में नई परियोजनाओं पर काम किया जाए।
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