बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टेलीमेट्री सिस्टम लगाने में हुई देरी, संसदीय समिति ने जताई चिंता
टेलीमेट्री सिस्टम का काम बाढ़ के पूर्वानुमान और वास्तविक डाटा जुटाना है। इससे यह पहले ही पता चल जाएगा कि क्षेत्र में बाढ़ कब और कितनी तेजी से आएगी। ताकि आपदा के जोखिम को कम किया जा सके। समिति ने कहा कि यह सिस्टम तीन स्थान चिनाब क्षेत्र के खानबाल, गंगटोक क्षेत्र के सारा थांग और डैमबोंग को छोड़कर सभी जगह लग चुका है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टेलीमेट्री सिस्टम लगाने में हुई देरी पर संसदीय समिति ने चिंता जताई है। शुक्रवार को लोकसभा सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए समिति ने कहा कि बाढ़ के पूर्वानुमान और नियंत्रण के लिए बनाए गए टेलीमेट्री सिस्टम कुछ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक नहीं लग सके हैं। समिति ने बाढ़ प्रबंधन और नियंत्रण के लिए समय पर कार्रवाई के लिए टेलीमेट्री सिस्टम को जरूरी बताया।
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीमेट्री सिस्टम का काम बाढ़ के पूर्वानुमान और वास्तविक डाटा जुटाना है। इससे यह पहले ही पता चल जाएगा कि क्षेत्र में बाढ़ कब और कितनी तेजी से आएगी। ताकि आपदा के जोखिम को कम किया जा सके। समिति ने कहा कि यह सिस्टम तीन स्थान चिनाब क्षेत्र के खानबाल, गंगटोक क्षेत्र के सारा थांग और डैमबोंग को छोड़कर सभी जगह लग चुका है। खानबाल में 2018 से चल रहे कोर्ट केस के चलते सिस्टम नहीं लग सका। वहीं सारा थांग और डैमबोंग में सिस्टम लगाने के लिए 2017 से वन विभाग ने एनओसी नहीं दी।
समिति ने कहा कि खानबाल स्टेशन के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने दूसरी जगह तलाश कर ली है और यहां टेलीमेट्री सिस्टम की स्थापना जल्द शुरू हो जाएगी। मगर यहां इतनी देरी होने का कारण समझ से परे है। समिति ने सिक्किम और अन्य लंबित जगहों पर भी सिस्टम की स्थापना में तेजी लाने के लिए कहा है।
रिपोर्ट में संसदीय समिति ने टेलीमेट्री स्टेशन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बाढ़ के वास्तविक समय के डाटा के संग्रह, उसके प्रसार और बाढ़ पूर्वानुमान को तैयार करने में सिस्टम की अहम भूमिका है। इसलिए इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जाएं। ताकि संबंधित एजेंसी इससे मिलने वाले डाटा के आधार पर आपदा से निपटने की तैयारी पहले से कर सकें। वहीं समिति ने टेलीमेट्री सिस्टम के नियमित रखरखाव और उसके परीक्षण के लिए भी कहा है। संसदीय समिति ने आपदाओं की प्रकृति को पहचानते हुए सबसे खराब स्थिति को संभालने, बाढ़ के त्वरित प्रक्रिया उपायों में सुधार करने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने का आह्वान किया है।
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