बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध: सड़कों पर उतरा हिन्दू समाज
जब हम वहां सुरक्षित नहीं हे तो हम यहां कैसे सुरक्षित रहेंगे: राधा किशोरी जी
गुना (आरएनआई) बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और इस्कॉन से जुड़े संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भारत वर्ष में जबरजस्त रोष व्याप्त हे। जिसका असर गुना जिले के हिंदू समाज ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और कत्ले आम के विरोध में मंगलवार को सकल हिन्दू समाज ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही केंद्र सरकार से मांग करते हुए बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जाने की गुहार भी लगाई। जलूस का आरंभ हनुमान चौराहा से जन सभा पश्चात हुआ जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए वापिस हनुमान चौराहा कार्यक्रम स्थल पहुंचा जहां पर गुना एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपकर समापन किया गया।
इससे पूर्व बांग्लादेश में हो रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में सकल हिन्दू समाज जिला गुना द्वारा जन आक्रोश सभा रखी गई जिसमें मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख प्रमोद जी पवार, खड़ेश्वरी मंदिर के महंत श्री 108 खड़ेश्वरी जी महाराज, जगतगुरू रामानुजाचार्य कृपा पात्र साध्वी राधा किशोरी जी, कल्याणेश्वर जी महाराज सहित अन्य जनों ने हिंदूवादी लोगों से जातिवाद छोड़कर एकजुट होने की अपील की।
जब हम वहां सुरक्षित नहीं हे तो हम यहां कैसे सुरक्षित रहेंगे: राधा किशोरी जी
जन सभा को संबोधित करते हुए साध्वी राधा किशोरी जी ने कहां कि जब हम वहां सुरक्षित नहीं हे तो हमारे देश में हम कैसे सुरक्षित रहेंगे। अब समय आ गया है जब हमें जातिवाद भुलाकर एकजुट होना होगा। जब तक हम बंटते रहेंगे, इसी तरह कत्लेआम होते रहेंगे। फिर चाहे कश्मीर में हिंदुओं के कत्लेआम की घटना हो या फिर बांग्लादेश में जो अभी हो रहा है। इसलिए हम सभी एक रहे और सैफ रहे। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक अशोक कुशवाह, गुरुद्वारा ग्रंथि ज्ञानी जशवीर सिंह मंचासीन रहे। जन सभा का संचालन विभाग संपर्क प्रमुख गोपाल स्वर्णकार ने किया और अंत में आभार गिरधारी लाल सेन ने माना।
सकल हिन्दू समाज ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
भारत सरकार राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
- ज्ञापन में हिन्दूओं एवं अन्य गैर इस्लामिक समुदायों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हो रहे हमले, हत्या, लूट, आगजनी तथा महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार पर चिंता एवं रोष प्रकट किया तथा इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करने की माँग की। ज्ञापन में कहा गया कि भारत वर्ष जो सहिष्णुता, सांस्कृतिक, विविधता और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक हे, सदैव अपने पड़ोसी देशों में मानवाधिकारों एवं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता आया हे। इसी परिपेक्ष्य में, हम आपके सम्मुख बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों के संबंध में यह ज्ञापन माननीय राष्ट्रपति के नाम प्रस्तुत कर रहे हे। विगत कुछ वर्षों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर जिस प्रकार हिंसा, उत्पीड़न और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ें हे वे केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करते हे, अपितु मानवता के मूल सिद्धांतों को भी चुनौती देते हे हाल ही में घटित घटनाओं में रंगपुर जिले के एतिहासिक काली मंदिर पर कट्टरपंथियों द्वारा हमला किया गया, जिसमें न केवल मूर्तियों को खंडित किया गया बल्कि मंदिर को भी आग के हवाले कर दिया, चटगांव में एक हिन्दू किशोरी का अपहरण कर उसका जबरन धर्मांतरण करवाया गया,ओर विरोध करने पर उसकी नृशंस हत्या कर दी गई। दुर्गा पंडालों पर हमला, हिंदू व्यापारियों की दुकानों पर आगजनी, लूटपाट, उनके परिवार जनों को जान से मारने की धमकी, सिलहट के हिंदू पुजारी की दिनदहाड़े हत्या, गाजीपुर में हिंदू परिवारों को उनके घरों से बेदखल करना, हिंदू बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार आदि विभिन्न ऐसी घटनाओं को चरम कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू समाज पर अत्याचार किया जा रहा हे। जिसको लेकर माननीय राष्ट्रपति महोदया बांग्लादेश में हिंदू समुदाय का यह संकट केवल एक धार्मिक समूह का उत्पीड़न नहीं हे, अपितु यह मानवता के मूल्यों के प्रति एक गहरी चुनौती हे। हम आशा करते हे कि आप इस ज्ञापन को गंभीरता से संज्ञान में लेंगी और त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु मार्गदर्शन करेंगे।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?