बांग्लादेश में हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना, पीड़ितों ने सुनाई आप बीती, बोले- हमें बचा लो
यह दर्द इस समय बांग्लादेश में रहने वाले हर हिदू और अल्प संख्यक का है। जबसे हालात बिगड़े हैं, तबसे हम पर तरह-तरह के अत्याचार हो रहे हैं। यहां पर न ही हमारे मौलिक अधिकार हैं और न ही हमको कोई सुरक्षा मिल पा रही है।
कोलकाता (आरएनआई) सब कुछ खत्म हो गया है। मंगलवार रात को अचानक करीब चार सौ लोगों ने मेरे घर पर हमला कर दिया। किसी तरह से जान बचाकर भागने में कामयाब हुए। अभी किसी अज्ञात स्थान पर परिवार के साथ हूं। न यहां पर मौलिक अधिकारों की रक्षा हो पा रही है और न ही किसी तरह की सुरक्षा हम अल्पसंख्यकों को मिल पा रही है। पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। उनके घरों को लूट जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा और आग के हवाले किया जा रहा है। यह पीड़ा केवल मेरे अकेले का नहीं है, यह पीड़ा बांग्लादेश में इस समय हर हिंदू और हर अल्पसंख्यक की है।
माखन ने कहा, यह दर्द जो मैं आप तक पहुंचा पा रहा हूं, यह केवल मेरे अकेले का नहीं है। यह दर्द इस समय बांग्लादेश में रहने वाले हर हिदू और अल्प संख्यक का है। जबसे हालात बिगड़े हैं, तबसे हम पर तरह-तरह के अत्याचार हो रहे हैं। यहां पर न ही हमारे मौलिक अधिकार हैं और न ही हमको कोई सुरक्षा मिल पा रही है। मंगलवार की रात को करीब आठ बजे करीब चार सौ लोगों ने हमारे तीन मंजिला घर पर हमला बोल दिया। किसी तरह से हम जान बचाकर भागे। जो सामान उपद्रवी लूट सके, वह सामान वे ले गए लेकिन जो सामान वे ले नहीं जा सके, उन पर आग लगा दी।
माखन ने कहा, जैसे ही हम पर हमला हुआ हमने पुलिस को सूचना दी। वहां से केवल मदद का आश्वासन मिला। बताना चाहता हूं कि बांग्लादेश के लगभग सभी थाने खाली हो गए हैं। पुलिस वाले थानों को छोड़कर भाग गए हैं। जब उनकी जान-माल की कोई गारंटी नहीं है, तो वे कैसे रहेंगे। थानों के आगे लाश देखे जा सकते हैं। हर तरफ अराजकता का राज है। हम सोचते थे कि सेना, जनता की सुरक्षा करेगी लेकिन सड़क पर कहीं सेना दिखाई नहीं दे रही है।
माखन ने कहा, मैं बांग्लादेश के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की ओर से वैश्विक नेताओं से आह्वान करना चाहता हूं कि हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा हो। हम यहीं जन्में और यहीं पले, लेकिन हमारे साथ आज दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। हमारे जान-मान की रक्षा हो। हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। घर, मंदिर और पूजास्थल तोड़े जा रहे हैं। घरों को लूटा जा रहा है, आग लगाई जा रही है। अल्पसंख्यक यहां सुरक्षित नहीं है। हम डर-डर कर जीने को मजबूर हैं। कहीं पर भी हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। मैं आपके माध्यम से पूरे विश्व के नेताओं का ध्यान बांग्लादेश की ओर आकर्षित करते हुए, तुरंत संपूर्ण बांग्लादेश के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करता हूं।
माखन ने कहा, हिंदु और अल्पसंख्यक महिलाओं का जीवन बांग्लादेश में नर्क बन गया है। महिलाओं के साथ तरह-तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं। महिलाओं के साथ हो रहे है अत्याचार को उजागर नहीं होने दिया जा रहा है। क्या-क्या नहीं हुआ इस दौरान हमारी महिलाओं और बेटियों के साथ। महिलाओं के साथ जो अत्याचार हुआ है, उसकी भी जांच कराई जानी चाहिए।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। बुधवार को उन्होंने पहली बार देश की बदलती राजनीतिक पृष्ठभूमि पर प्रतिक्रिया दी। एक वीडियो संदेश में, बीएनपी अध्यक्ष ने 'लोकतांत्रिक बांग्लादेश' के गठन का आह्वान किया, ऐसा देश जहां 'सभी धर्मों का सम्मान किया जाएगा'।
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