बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर संघ ने जताई चिंता, कहा- प्रताड़ना की धार्मिक वजह भी

अरुण कुमार ने बयान में कहा कि हम बांग्लादेश के हिंदू वर्ग के साथ एकजुटता दिखाते हैं। हमने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई है। 

Mar 22, 2025 - 15:17
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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर संघ ने जताई चिंता, कहा- प्रताड़ना की धार्मिक वजह भी

नई दिल्ली (आरएनआई) बंगलूरू में चल रही संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में बांग्लादेश का मुद्दा उठा और वहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जाहिर की गई। सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा की वजह राजनीतिक ही नहीं बल्कि धार्मिक भी है। 

अरुण कुमार ने बयान में कहा कि हम बांग्लादेश के हिंदू वर्ग के साथ एकजुटता दिखाते हैं। हमने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई है। हमें ये नहीं मानना चाहिए कि इस हिंसा की वजह सत्ता में बदलाव के चलते राजनीतिक ही है बल्कि इसका धार्मिक कारण भी है। अल्पसंख्यकों और हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। 

अरुण कुमार ने कहा कि 'धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा कोई नई नहीं है। साल 1951 में बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या 22 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 7.95 प्रतिशत रह गई है। यह बड़ी गिरावट है। इस बार जो हिंसा हो रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि इसे सरकार और सरकारी संस्थानों का भी समर्थन है। वहां भारत विरोध बढ़ रहा है। अपने प्रस्ताव में हमने अंतरराष्ट्रीय ताकतों को लेकर भी चिंता जाहिर की है। भारत और इसके पड़ोसी देश सिर्फ देशों का समूह नहीं हैं बल्कि इनका साझा इतिहास है। हमारे बीच बहुत कुछ समान है। कई वैश्विक शक्तियां भारत और इसके पड़ोसी देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। 

बांग्लादेश में बीते साल शेख हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से ही वहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। हिंसा की इन घटनाओं पर कई देशों ने चिंता जाहिर की। भारत ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई। हालांकि इसके बावजूद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर बना हुआ है। 

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बंगलूरू में शुक्रवार से चल रही है। यह संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। इस बैठक के दौरान बांग्लादेश हिंसा के साथ ही मणिपुर, भाषा विवाद और संघ के शताब्दी समारोह को लेकर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।  

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर अरुण कुमार ने कहा कि 'संघ के तहत 32 से ज्यादा संगठन काम करते हैं। हर संगठन अपने आप में स्वतंत्र है और उसकी फैसले लेने की स्वतंत्र प्रक्रिया है। हर संगठन के अपने सदस्य, चुनाव और उनकी पूरी प्रक्रिया अलग है। भाजपा और संघ के बीच कोई मतभेद नहीं है। हम देश औऱ समाज के लिए मिलकर काम करते हैं। संगठन की प्रक्रिया चल रही है और जिले और राज्य स्तर पर समीतियां गठित कर दी गई हैं। भविष्य में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव होगा।'

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