बांग्लादेश की तरफ से हसीना की प्रत्यर्पण की मांग के बीच भारत का बड़ा फैसला, बढ़ाई वीजा की अवधि
हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। छात्र आंदोलन के चलते अवामी लीग की सरकार गिर गई थी। उसके बाद वह बांग्लादेश से भारत आ गई थीं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य व नागरिक अधिकारियों के विरुद्ध मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
नई दिल्ली/ढाका (आरएनआई) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (77) और 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट जुलाई में हुई हत्याओं में उनकी संलिप्तता के कारण रद्द कर दिया है। हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। छात्र आंदोलन के चलते अवामी लीग की सरकार गिर गई थी। उसके बाद वह बांग्लादेश से भारत आ गई थीं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य व नागरिक अधिकारियों के विरुद्ध मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर को शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। ढाका में अधिकारियों ने बताया कि हसीना 2024 में भड़के विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी हिंसक घटनाओं और गायब होने में कथित संलिप्तता के लिए जवाब देना चाहती हैं।
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