बसपा यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं, लेकिन भाजपा सरकार के तौर-तरीके से असहमत है : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के खिलाफ नहीं है लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तौर-तरीके से सहमत नहीं है।
लखनऊ, 2 जुलाई 2023, (आरएनआई)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के खिलाफ नहीं है लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तौर-तरीके से सहमत नहीं है।
बसपा प्रमुख ने रविवार को यहां पत्रकारों से यूसीसी के मुद्दे पर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में यूसीसी बनाने का प्रयास तो वर्णित है लेकिन इसे थोपने का नहीं है इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही भाजपा को देश में यूसीसी लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए।
मायावती ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि भाजपा और उसकी सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तौर-तरीकों से सहमत नहीं है।’’
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों पर हर मामले में समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा। साथ ही लोगों में आपसी सद्भाव और भाईचारा भी पैदा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बात भी काफी हद तक सही है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बनाने का जिक्र किया गया है लेकिन इसे जबरन थोपने का प्रावधान बाबा साहब डॉक्टर भीमराव के संविधान में निहित नहीं है और इसके लिए जागरुकता तथा आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है, जिस पर अमल न करके इसकी आड़ में संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति करना देश हित में सही नहीं है जो इस समय की जा रही है।’’
मायावती ने महंगाई पर कहा, ‘‘यह आम चर्चा है कि प्रमुख समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है बल्कि जनता का ध्यान बांटने के लिए ये लोग यूसीसी की बात कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह मानकर चलना चाहिए कि देश में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। उनके अपने रस्म रिवाज हैं, उनकी अपनी कार्यशैली हैं, जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके अपने अलग तौर-तरीके हैं इसलिए जब ये कानून बनाए जाए तो इन सब चीजों को भी ध्यान में रखकर चलना चाहिए।’’
गौरतलब है कि 27 जून को भोपाल में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की पुरजोर वकालत करते हुए सवाल किया था कि ‘‘दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?’’
उन्होंने यह भी कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तय किया है कि वह तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के बजाए ‘‘संतुष्टिकरण’’ के रास्ते पर चलेगी।
मोदी ने कहा था कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है।
What's Your Reaction?