बवाना में मुनक नहर टूटने से सड़कों, गलियों, घरों में कई फीट तक पानी; बिजली आपूर्ति भी ठप
बवाना जेजे कॉलोनी के निवासी रात में बाढ़ देकर धबरा गए। लोगों ने बताया कि चारपाई तक पानी पहुंचा तो उनकी नींद खुली। घरों, सड़कों व गलियों में पानी भरा हुआ था। इसे देखकर शोर मच गया और लोग जरूरी सामान व बच्चों को लेकर छत पर चढ़ गए।
नई दिल्ली (आरएनआई) बाहरी दिल्ली में गुरुवार को बिना बारिश के ही लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। बवाना में बुधवार देर रात राजधानी में कच्चा पानी उपलब्ध कराने वाली मुनक नहर टूट गई। इस कारण बवाना जेजे कॉलोनी की सड़कों, गलियों व घरों में कई-कई फीट तक पानी भर गया। औद्योगिक क्षेत्र में भी पानी घुस गया। वहीं, तीन जलशोधक संयंत्रों में पानी का उत्पादन 20 प्रतिशत तक गिर गया।
अधिकारियों ने बताया कि रात दो बजे बवाना की जेजे काॅलोनी की तरफ से नहर टूट गई। नहर टूटने वाले स्थान पर दरारें थीं। इसके अलावा यहां पर नहर में हल्का सा मोड़ है। आशंका है कि पानी का दबाव अधिक होने से नहर टूटी। इससे जल बोर्ड के तीन जलशोधक संयंत्रों को नहर से कच्चा पानी मिलना बंद हो गया। जेजे काॅलोनी में बाढ़ आने से बिजली आपूर्ति भी ठप कर दी गई। लिहाजा, स्थानीय लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। काॅलोनी के जलमग्न होने से सैकड़ों परिवारों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। कई घरों में रखा सामान भी खराब हो गया। कई लोगों ने नाव की मदद से अपना सामान सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। प्रशासन ने प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई।
बवाना जेजे कॉलोनी के निवासी रात में बाढ़ देकर धबरा गए। लोगों ने बताया कि चारपाई तक पानी पहुंचा तो उनकी नींद खुली। घरों, सड़कों व गलियों में पानी भरा हुआ था। इसे देखकर शोर मच गया और लोग जरूरी सामान व बच्चों को लेकर छत पर चढ़ गए।
काॅलोनी निवासी रामवतार ने बताया कि सुबह होने पर इलाके के निवासी छतों से उतरकर सुरक्षित स्थानों पर जाने शुरू हुए। प्रशासन के आग्रह के बाद उन्होंने घर छोड़ना शुरू किया। शुभराम नेे बताया कि सुरक्षित स्थानों पर दोपहर तक उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली। काॅलोनी में नेताओं के आने के बाद चाय-पानी, खाना मिला। कांता ने बताया कि सैकड़ों लोगों का सामान पानी के कारण खराब हो गया।
दिल्ली सरकार ने बनावा में टूटी मुनक नहर सही करने के लिए हरियाणा सरकार से प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए नहर के गेट बंद करने का अनुरोध किया है। साथ ही, नहर में आने वाला पानी पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ने का आग्रह किया है। दिल्ली सरकार ने नहर की मरम्मत करने का कार्य शुरू कर दिया है। नहर के टूटे हिस्से को सही करने के लिए मिट्टी से भरे बोरे डाले जा रहे हैं। इसके अलावा मिट्टी भी डाली गई है। मिट्टी से बोरे भरे लगाए जा रहे हैं। शुक्रवार की शाम तक नहर सही होने की बात बताई जा रही है।
दिल्ली में पहले पश्चिमी यमुना नहर से हरियाणा से पानी आता था। यह नहर कच्ची होने से काफी पानी बर्बाद होता था। इस कारण करीब दो दशक पहले इसके साथ मूनक नहर बनाई गई। मुनक नहर के निर्माण से पहले वर्ष 1998 में पश्चिमी यमुना नहर बादली में टूटी थी। यहां नाले के ऊपर नहर के बने पुल का एक हिस्सा टूट गया था।
डीडीए ने विभिन्न विभागों के साथ मिलकर बवाना जेजे कालोनी से पानी निकालने की कवायद शुरू कर दी है। एनडीआरफ, एमसीडी, एसडीएम नरेला, दिल्ली जल बोर्ड मिलकर कार्य कर रहे हैं। यहां जेसीबी, डिवाटरिंग पंप, पेयजल के टैंकर और मोबाइल शौचालय आदि उपलब्ध कराए गए हैं।
बवाना में नहर टूटने व जेजे कालोनी में पानी भरने की सूचना मिलते ही इलाके के सांसद योगेंद्र चांदोलिया सुबह करीब नौ बजे प्रभावित लोगों का हाल जानने पहुंच गए। उन्होंने पानी में घुसकर काॅलोनी का दौरा किया और लोगों से सुरक्षित इलाके में जाने की अपील की। उन्होंने बताया कि लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कालोनी में बाढ़ जैसे हालात पैदा होने के लिए दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डीडीए ने कई साल पहले यह कॉलोनी दिल्ली सरकार को दी थी। काॅलोनी में सीवर और पानी की लाइन डालने के लिए डीडीए ने करोड़ों रुपये जल बोर्ड को दिए थे, लेकिन जलबोर्ड ने सीवर लाइन नहीं डाली है। यहां पानी निकासी की व्यवस्था होती तो बाढ़ नहीं आती। इलाके के विधायक जयभगवान भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि नहर को सही किया जा रहा है और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
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