बमौरी के लिए संजीवनी साबित होगी पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना

प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सिंधिया का जताया जिला पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह किरार ने आभार

Dec 18, 2024 - 16:22
Dec 18, 2024 - 16:22
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बमौरी के लिए संजीवनी साबित होगी पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना

गुना (आरएनआई) पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना गुना जिले की बमौरी तहसील और संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के लिए संजीवनी साबित होगी। इस परियोजना में प्रस्तावित पाड़ोन-1 एवं 2 बांध निर्माण के बाद बमौरी विधानसभा के 46 गांव लाभान्वित होंगे। जबकि धानबाड़ी परियोजना से 43 गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा। वहीं नैनागढ़ परियोजना से बमौरी विधानसभा क्षेत्र के 65 गांवों की सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। इस तरह वृहद परियोजना से बमौरी क्षेत्र के 154 गांवों में सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी। जबकि नैनागढ़ बैराज परियोजना से भी क्षेत्र के कई गांवों को लाभ मिलेगा।

बमौरी विधानसभा क्षेत्र के गांवों को पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना से लाभान्वित कराने पर जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता महेंद्र सिंह किरार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री व गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट का आभार जताया है। श्री किरार ने कहा है कि पूरी तरह कृषि बाहुल्य बमौरी क्षेत्र को इस परियोजना की महती आवश्यकता थी। क्षेत्र के किसान लम्बे समय से नदियों के पानी को सुनियोजित तरीके से उपयोग किए जाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के संयुक्त प्रयासों से धरातल पर उतरने जा रही पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना ने बमौरी क्षेत्र के किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है।

धानवाड़ी परियोजना से लाभान्वित होंगे यह गांव
जिला पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह किरार ने बताया कि पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना के तहत बमौरी एवं गुना तहसील की 12 हजार 660 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई परियोजना धानवाड़ी के तहत कूनो नदी पर धानवाड़ी के समीप बांध प्रस्तावित है। इसकी जल संग्रहण क्षमता 45.48 मि.घ.मी. है, जिसमें जीवित जल भराव क्षमता 44.35 मि.घ.मी. है। परियोजना से पेयजल के लिए 2.00 मि.घ.मी. एवं उद्योग हेतु 1.00 मि.घ.मी. जल का प्रावधान किया गया है। परियोजना की अनुमानित लागत 538.48 करोड़ है। इसका संभावित लाभ बमौरी तहसील के लोंडेरा, आटाखेड़ी, ककरूआडांग, सोनखरा, करमदा, शेखपुर, कुंवरपुर, खड़ेला, खर्राखेड़ा, खेरला, गढ़ला उजारी, गढ़ली, बमोरी खास, डेहरा, डोंगरपुर, नोनपुरा, बाघेरी, परांठ, बढऩपुर, मूंदोल, मोरखेड़ी, रातई, लम्चोरा, सेपरा, गढ़रिया, गनेशखेड़ा, म्यांपुर, इकोदिया, डुंगासरा, माधोपुर, तिनस्याई, बसार, सिंगारपुर, मोरखेड़ी, कुन्दोरा, दुर्गापुर, सिंगपुर, हिरनोदा, कालापहाड़, गढ़ला, टकनेरा, भदौरा और मोरखेड़ी गांवों को मिलेगा।

पाड़ोन बांध और पाड़ोन बैराज से लाभान्वित होने वाले गांव
पार्वती-चम्बल-कालीसिंध परियोजना के तहत पाड़ोन में दो बड़ी परियोजनाओं का क्रियान्वयन होगा। पाड़ोन वृहद सिंचाई परियोजना के तहत गुना जिले की बमौरी तहसील की 15 हजार 400 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजना अंतर्गत पाड़ोन-1 एवं पाड़ोन-2 बैराज का निर्माण किया जाना है। बांध एवं बैराज का निर्माण पार्वती नदी की सहायक नदी बरनी पर रतवाड़ा और बिरोली के समीप होगा। प्रस्तावित बांध की जल संग्रहण क्षमता 52.43 मि.घ.मी. है, जिसमें से उपयोगी जल भराव क्षमता 49.96 मि.घ.मी. एवं प्रस्तावित बैराज की जल संग्रहण क्षमता 8.06 मि.घ.मी. है, जिसमें से उपयोगी जल भराव क्षमता 8.02 मि.घ.मी. है। परियोजना से बमौरी तहसील के 46 गांव लाभान्वित होंगे। इसकी अनुमानित लागत 714.67 करोड़ रुपए है। इसके तहत पाड़ोन 1 बांध और पाड़ोन 2 बैराज परियोजना में बमौरी के 46 गांवों को लाभ मिलेगा। संभावित लाभान्वित होने वाले गांवों में अनारद, बगुरिया, बंधा, बनियानी, बरबन, बीरामपुर, बुखारी, चाकरी, चकलोड़ा, छतरपुर, छिकारी, चितोडा, धनोरिया, ढिमरपुरा, गनेशपुरा, हंकला, हनुमत खेड़ा, जैतपुरा, जौहरी, काली तलैया, कलोरा, कपासी, कर्राखेड़ा, केकड़ी, कोटा पाड़ोन, कुड़का, कुम्हारी, लक्ष्मीपुरा, लुहारी, महुआखेड़ा कला, महुआखेड़ा खुर्द, माना पाड़ोन, पाड़ोन, परोंदा, राधापुरा, राहरुअन, रतवारा, सिलावटी पाड़ोन, सिलेटा, टीली, टुईखेड़ा, उमरदा और वर्धा शामिल हैं।

नैनागढ़ वृहद सिंचाई परियोजना से मिलेगा बमौरी विधानसभा के 65 गांवों को लाभ
नैनागढ़ में श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई सिंचाई परियोजना के तहत कूनो नदी पर ग्राम नैनागढ़ के समीप बैराज प्रस्तावित है। इसकी प्रस्तावित जल संग्रहण क्षमता 36.93 मि.घ.मी. है। जिसमें जल भराव क्षमता 36.38 मि.घ.मी. है। इसके अतिरिक्त परियोजना में पूर्व निर्मित करके की मऊ तालाब को बैलेंसिंग रिजरवायर के रूप में विकसित किया जाकर 15 मि.घ.मी. जल नैनागढ़ बैराज में फीड किया जाना है। इस प्रकार कुल 21.72 मि.घ.मी. जल भराव क्षमता का तालाब विकसित किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना में कुल 51.38 मि.घ.मी. जीवित जल भराव क्षमता का संग्रहण किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें पेयजल के लिए 1.00 मि.घ.मी. एवं उद्योग के लिए 1.00 मि.घ.मी. जल का प्रावधान किया गया है। परियोजना से बमौरी विधानसभा क्षेत्र के 65 गांव लाभान्वित होंगे। इसकी अनुमानित लागत 763.51 करोड़ रुपए है। नैनागढ़ परियोजना से लाभान्वित होने वाले संभावित गांवों की सूची में आटाखेड़ी, नयापुरा उर्फ पारोंदा, बुढ़ेरा, बरबटू, सालोदा, सिंघारिया, हनुमतखेड़ा, आकलोन, बुडेरा, मुसरेड़ी, मझोला, रतनपुरा, रजेला, सांडखेड़ा, बड़ीकांठी, छोटीकांठी, चंदेरा, दस्तोली घाट, दस्तोली बेर, बांसखेड़ी, सनबाड़ा, देवगढ़, नगदा, बरखेड़ा, सिरसी, पोरखो, माढ़ई, बमोरी, खेरारखेड़ी, करीली, चिडऱऊ, माड़ई, करके की मऊ, चेटवरी, जमडेरा, तारापुर, मारकी महू, दिनोला, सांगई, उदयपुरी, जालमपुर, नकटपुर, बरोदिया, नोराई, अकोदा, ककरूआमार, करमदी, काबरबमोरी, कुसुमखोह, खेरोदा, गढ़लामार, ग्वारखेड़ा, डिगडोली, डिबियामार, देहरीबमोरी, दोहरदा, पाटन, बरखेड़ाबमो, बांसखेड़ी, विशनवाड़ा, सेशपुरा, हिनोतिया, डुमावन और सारेठा शामिल हैं।

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