बंदूक लहराकर किसानों को धमकाने का मामला, आईएएस पूजा खेडकर के माता-पिता के खिलाफ एफआईआर
आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने पुणे की मुलशी तहसील के गांव धाडवाली में एक जमीन खरीदी थी। स्थानीय लोगों का दावा है कि खेडकर ने अपनी जमीन के साथ ही अन्य किसानों की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है।
पुणे (आरएनआई) महाराष्ट्र की पुणे ग्रामीण पुलिस ने आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आईएएस अधिकारी के परिजनों पर किसानों को धमकाने का आरोप है। पुलिस ने आईएएस पूजा खेडकर की माता मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर समेत पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504 और 506 के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि आईएएस पूजा खेडकर भी बीते कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी हुई हैं।
आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह बंदूक हाथ में लेकर लोगों को धमकाते नजर आईं थी। शुक्रवार शाम को पुलिस ने कहा था कि वह इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने पुणे की मुलशी तहसील के गांव धाडवाली में एक जमीन खरीदी थी। स्थानीय लोगों का दावा है कि खेडकर ने अपनी जमीन के साथ ही अन्य किसानों की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। इसी विवाद में हाल ही में मनोरमा खेडकर का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें उनके साथ उनके सुरक्षाकर्मी भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में वह किसानों से तीखी बहस करती दिख रही हैं। इस दौरान वह एक व्यक्ति पर चिल्लाईं और उन्होंने अपने पिस्तौल निकालकर हवा में लहराई।
पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की गई है। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या मनोरमा खेडकर के पास बंदूक का लाइसेंस है या नहीं। एक किसान कुलदीप पासलकर का आरोप है कि मनोरमा खेडकर ने जबरन उसकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, उन्होंने अन्य किसानों को भी धमकाने का प्रयास किया। किसान ने बताया कि मनोरमा खेडकर कई सुरक्षाकर्मियों के साथ उनके प्लॉट पर पहुंची और हाथ में हथियार लेकर हमें धमकाना शुरू कर दिया।
पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर वर्ग से बताकर यूपीएससी में चयन हासिल किया। साथ ही उन पर आरोप है कि उन्होंने मानसिक रूप से दिव्यांग होने का दावा किया, लेकिन कई बार बुलाने के बावजूद मेडिकल जांच में शामिल नहीं हुईं। बीते दिनों वीआईपी ट्रीटमेंट की मांग को लेकर वह विवादों में घिरीं थी। जिसके बाद उनका पुणे से वाशिम तबादला कर दिया गया है।
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