बंगाल हिंसा की एसआईटी जांच और पीड़ितों की सुरक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका; सुनवाई आज संभव
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हुए थे।

नई दिल्ली (आरएनआई) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तर 24 परगना में हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हो सकती है। हिंसा के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। याचिका में मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई। वकील शशांक शेखर झा ने शीर्ष अदालत में जनहित याचिका में वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद 11 अप्रैल को हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है।
शशांक शेखर झा ने अपनी याचिका में पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार को मामले में प्रतिवादी बनाया और शीर्ष अदालत से एक आदेश जारी करने का आग्रह किया, जिसके तहत पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक और राजनीतिक हिंसा की चल रही घटनाओं की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जा सके। आवेदक ने अदालत से यह भी मांग की है कि वह प्रतिवादियों से कानून-व्यवस्था तंत्र की विफलता के बारे में स्पष्टीकरण मांगे। उन्होंने पीड़ितों के लिए मुआवजा और पुनर्वास की भी मांग की है।
याचिकाकर्ता ने यह भी अनुरोध किया कि न्यायालय दोनों सरकारों को आदेश दे कि वे वर्तमान में प्रभावित लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सरकार हिंसा को और बढ़ने से रोकें। जनहित याचिका में कहा गया है कि न्याय और समानता के हित में न्यायालय जो उचित समझे, वैसा अन्य आदेश पारित करें। मामले की सुनवाई आज होनी है। इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में भाजपा की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें प्रभावित सीमावर्ती जिलों में हिंसा की घटनाओं की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच की मांग की गई थी।
इससे पहले वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन का मामला 15 अप्रैल को ही शीर्ष कोर्ट पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी दो याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें नए लागू किए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर इलाके में वक्फ कानून से जुड़ी हिंसा की ताजा घटनाएं 14 अप्रैल को हुई थीं।
एक जनहित याचिका वकील शशांक शेखर झा ने दायर की, जिसमें हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की गई। इसके अलावा एक अन्य याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की, जिसमें राज्य में हुई हिंसा की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग की गई।
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हुए थे।
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