बंगाल में महिला डॉक्टर की हत्या मामले की अमेरिका के भारतीय मूल के डॉक्टर ने की निंदा
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण पिछले 17 दिनों से पश्चिम बंगाल की मेडिकल व्यवस्था अपंग हो गई। इस पर डॉ. बंद्योपाध्याय ने कहा कि मरीजों की पीड़ा को डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।

कोलकाता (आरएनआई) अमेरिका में भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की आलोचना की। उन्होंने फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा। सिएटल से बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में पोलियो टीम के उप निदेशक डॉ. आनंद शंकर बंद्योपाध्याय ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जवाबदेही की एक महत्वपूर्ण कमी की ओर इशारा किया। बता दें कि उन्होंने भारत में पोलियो अभियान में बहुत बड़ा योगदान दिया।
कोलकाता में जन्मे जॉ. आनंद शंकर बंद्योपाध्याय ने एक प्रसिद्ध कॉलेज से मेडिकल साइंस की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कहा, "मैं गुस्से में, दुखी और शर्मिंदा हूं। अस्पताल में जो हुआ उसके बारे में सोचकर मेरी रातों की नींद उड़ गई। मेरा दिल और आत्मा इस घटना के खिलाफ आवाज उटाने वालों के साथ है।" कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज-अस्पताल से गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. बंद्योपाध्याय ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि वे और उनके दोस्त, जिनमें महिलाएं भी थीं, देर रात तक बिना किसी डर के अस्पताल के कमरों में रहते थे।
डॉ. बंद्योपाध्याय ने कहा, "मेरा जन्म कोलकाता में हुआ और मैं वहीं पला बढ़ा। इस शहर की संस्कृति ने मुझे बनाया। मुझे कोलकाता में कभी भी असुरक्षित महसूस नहीं हुआ। मेरी महिला सहकर्मियों का भी यही मानना था।" सीएनएमसी में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, "फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा लंबे समय से एक मुद्दा रही है। कई हिंसक हमले भी होते रहे हैं। यह घटना सभी प्रकार की बर्बरता से बढ़कर है। अगर हम उनकी सुरक्षा नहीं कर सकते जो जीवन बचाते हैं। फिर हम एक समाज के रूप में विफल हो गए।
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण पिछले 17 दिनों से पश्चिम बंगाल की मेडिकल व्यवस्था अपंग हो गई। इस पर डॉ. बंद्योपाध्याय ने कहा, "मरीजों की पीड़ा को डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। मैं अपने कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग करने वालों के साथ खड़ा हूं। मैं उम्मीद करता हूं स्थिति में जल्द सुधार होगा।
जब डॉ. बंद्योपाध्याय से पूछा गया कि क्या अब कोलकाता महिलाओं के लिए सुरक्षित है, तो उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा। हमें ऐसा लग रहा है कि हम हताश है, लेकिन हम निराशा के आगे नहीं झुकेंगे। मुझे उम्मीद है कि कोलकाता एक बार फिर एक सुरक्षित शहर के तौर पर खड़ा होगा।" उन्होंने मीडिया से पीड़िता और उसके प्रियजनों की निजता का सम्मान करने का आग्रह किया।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?






