बंगाल के शिक्षकों को बड़ी राहत, जिनका नाम घोटाले में नहीं वे अगली भर्ती तक नौकरी जारी रख सकेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उनका आदेश ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा क्योंकि इन ग्रुप में दागी उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है।

नई दिल्ली (आरएनआई) सर्वोच्च अदालत ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के पीड़ित शिक्षकों को थोड़ी राहत दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नौंवी से लेकर 12वीं कक्षा तक पढ़ाने वाले बेदाग शिक्षक अगली भर्ती तक अपनी नौकरी जारी रख सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हुई है और उनका नाम घोटाले में शामिल नहीं है, वे नई चयन प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं। कोर्ट ने कहा हम नहीं चाहते कि बच्चों की पढ़ाई कोर्ट के फैसले से बाधित हो। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को 31 मई तक अगली भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित करने का भी आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि अगर बंगाल सरकार ने 31 मई तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया तो फिर वे उचित आदेश पारित करेंगे।
सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के तहत शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उनका आदेश ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा क्योंकि इन ग्रुप में दागी उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि 3 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के तहत भर्ती हुए 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति को समाप्त कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने नई भर्ती में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया और पूर्व की चयन प्रक्रिया की आलोचना करते हुए उसे भ्रष्ट बताया। पीठ ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया की पवित्रता को फिर से बहाल करना जरूरी है, जिससे जनता का विश्वास बहाल किया जा सके।
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