फॉर्म में वापसी और टेस्ट करियर बचाने के लिए रोहित ने उठाया बड़ा कदम
रोहित ने मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल होने का फैसला करके दूसरों के लिए सबसे अच्छा उदाहरण पेश किया है।
मुंबई (आरएनआई) भारतीय टीम में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब तक चैंपियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम का एलान नहीं किया गया है। जसप्रीत बुमराह चोटिल चल रहे हैं, जबकि रोहित शर्मा और विराट कोहली का फॉर्म बेहद खराब चल रहा है। रोहित ने फॉर्म में वापसी और अपना टेस्ट करियर बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के अभ्यास सत्र से जुड़ने का फैसला किया है। वह रणजी के मुकाबले खेलेंगे या नहीं, इस पर कोई अपडेट नहीं दिया है।
रोहित ने मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल होने का फैसला करके दूसरों के लिए सबसे अच्छा उदाहरण पेश किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित मुंबई की टीम के साथ मंगलवार को वानखेड़े स्टेडियम में नेट्स अभ्यास करेंगे। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खराब दौरे से लौटने के बाद ट्रेनिंग सत्र शुरू करने में ज्यादा समय नहीं लगाया। इसके साथ ही उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के लिए ट्रेनिंग शुरू कर दी है।
रणजी ट्रॉफी के अगले दौर में मुंबई को जम्मू-कश्मीर से भिड़ना है। रोहित ने अभी तक रणजी टीम में चयन के लिए अपनी उपलब्धता की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उन्होंने रेड बॉल क्रिकेट में अपनी स्किल को बेहतर करने के लिए आराम करने की बजाय नेट्स में समय बिताने का फैसला किया है। टीम में उनकी भागीदारी पर भी जल्द ही फैसला किए जाने की संभावना है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'वह मुंबई रणजी ट्रॉफी टीम के साथ अभ्यास सत्र के लिए आएंगे, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि वह जम्मू कश्मीर के खिलाफ अगला रणजी ट्रॉफी मैच खेलेंगे या नहीं। वह उचित समय पर एमसीए को सूचित करेंगे।'
रोहित पिछली बार 2015 में मुंबई की ओर से उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में खेले थे। देश के टेस्ट और वनडे कप्तान को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में रन बनाने के लिए संघर्ष करने के बाद अपने बेसिक्स पर वापस जाने की जरूरत महसूस हुई है। ऑस्ट्रेलिया में रोहित ने चार टेस्ट मैचों में 3,9, 10, 3, 6 की पारी खेली थी। उन्होंने पांच पारियों में 10.93 की औसत से 31 रन बनाए थे।
रणजी ट्रॉफी का अगला दौर 23 जनवरी से शुरू होगा। रोहित के अलावा विराट कोहली को भी लंबे प्रारूप में अपने फॉर्म को बेहतर करने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू करने का सुझाव दिया गया है। वह ऑस्ट्रेलिया में भी रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे थे। कोहली ने पिछली बार 2012 में रणजी ट्रॉफी का कोई मैच खेला था। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से मिली हार के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों के घरेलू टूर्नामेंट में खेलने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि सभी खिलाड़ी लाल गेंद के प्रारूप में घरेलू टूर्नामेंट में खेलें जिससे टेस्ट टीम के लिए अपनी दावेदारी पुख्ता कर सकें।
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