फैशन को नया आयाम: प्लास्टिक कचरे से तैयार हो रहे कपड़े, पीएम समेत कई नामी हस्तियां कर रहीं इन वस्त्रों को धारण
प्लास्टिक उत्पादों से बने मखमल की तरह मुलायम कपड़े फैशन को नया आयाम दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई नामचीन हस्तियां इन्हें धारण कर दुनिया को प्लास्टिक प्रबंधन के नए तौर तरीकों का संदेश दे रहे हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) दुनिया भर के देशों के लिए प्लास्टिक कचरा एक विशिष्ट चुनौती बना हुआ है, वहीं लुधियाना की एक कंपनी ने एकल यूज प्लास्टिक का प्रबंधन करके फैशन से लेकर अन्य उत्पाद बनाकर सभी को हैरान कर दिया है।
प्लास्टिक उत्पादों से बने मखमल की तरह मुलायम कपड़े फैशन को नया आयाम दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई नामचीन हस्तियां इन्हें धारण कर दुनिया को प्लास्टिक प्रबंधन के नए तौर तरीकों का संदेश दे रहे हैं। कंपनी देशभर में कूड़ा उठाने वाले हजारों लोगों से प्लास्टिक की खाली बोतलें जमा करके टी-शर्ट, पेंट और ब्लेजर समेत अन्य फैशन के उत्पाद बना रहे हैं। यही नहीं, प्लास्टिक अपशिष्ट को रीसाइकिल कर कंबल, बेडशिट, तकिया के कवर, कारपेट जैसे आइटम भी तैयार किए जा रहे हैं। यह बहुत मुलायम है, जो छूने पर एकदम मखमल जैसी अनुभूति देता है। इससे हर साल 50 हजार मीट्रिक टन प्लास्टिक को लैंडफिल साइट पर जाने से रोका जा रहा है। जो पर्यावरण बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्लास्टिक से बने इन कपड़ों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई अन्य नामचीन हस्तियां धारण कर रही है। तमिलनाडु की एक बेस्ड कंपनी के सह संस्थापक संकर के ने बताया कि वह लोगों से प्लास्टिक कचरा इकठ्ठा करते हैं। इस तरह से उन्होंने अब तक प्लास्टिक की करीब 50 लाख बोतलों को लैंडफिल में जाने से बचाया है। वह प्लास्टिक की आठ बोतलों का इस्तेमाल करके एक शर्ट और करीबन 20 बोतलों से एक जैकेट बनाते हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने संसद में उनकी बनाई जैकेट पहनी थी। उस जैकेट को प्लास्टिक की 25 बोतलों को रीसाइकिल करके बनाया गया था। प्रधानमंत्री ने इसे संसद के साथ-साथ जापान और ऑस्ट्रेलिया में भी पहना था।
प्रगति मैदान के हाल नंबर 14 में आयोजित चार दिवसीय ग्लोबल कॉन्क्लेव ऑन प्लास्टिक रीसाइकिलिंग और सस्टेनेबिलिटी में विभिन्न प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के नवाचारों की प्रदर्शनी लगी है। यहां प्लास्टिक से तैयार चश्मे, रसोई के सामान, फर्नीचर, खिलौने, और श्रृंगार के मोती प्रदर्शित किए जा रहे है। कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि इस तकनीक के प्रयोग से प्लास्टिक को सबसे पहले अलग किया जाता है। उसके बाद उनके कण को पिघलाकर फाइबर तैयार होता है। उसी धागे से मुलायम कपड़े तैयार किए जाते है।
प्रदर्शनी में पांच हजार बॉटल के ढक्कन से बनी कुर्सी भी प्रदर्शित की गई है तो बच्चों के खिलौने भी तैयार किए गए हैं। ये खिलौने सुरक्षित, टिकाऊ और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते हैं। साथ ही, ये खिलौने पर्यावरण में प्लास्टिक की मात्रा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
खूब लुभा रहे सौंदर्य प्रसाधन प्लास्टिक कचरे के बढ़ते पहाड़ों को कम करने और महिलाओं के सौंदर्य को निखारने के लिए एक प्लास्टिक का प्रबंधन कर महिलाओं के लिए श्रृंगार के सामान और मोती तैयार किए गए हैं। यह देखने में बेहद खूबसूरत है। रसोई के समान जिसमें बेलन और चकला तैयार किया गया हैं। कंपनी के कर्मचारी का कहना है कि इससे हजारों पेड़ों को काटने से बचाया जाएगा।
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