फेफड़े, दिल और किडनी की तरह अब हाथ भी कर सकेंगे दान, नोटो ने नियमों में किया संशोधन
फेफड़े, दिल और किडनी की तरह अब हाथ भी दान किए जा सकते हैं। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने नियमों में संशोधन के बाद पहली बार हाथ प्रत्यारोपण को राष्ट्रीय रजिस्ट्री में शामिल किया है।
नई दिल्ली (आरएनआई) देश के सभी अस्पतालों को जारी आदेश में नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने कहा है कि अभी तक फेफड़े, पेनक्रियाज, किडनी, हार्ट, टिश्यू राष्ट्रीय रजिस्ट्री का हिस्सा हैं। जिन अस्पतालों में मरीजों को इनकी जरूरत पड़ती है उनकी वेटिंग के हिसाब से दान में मिले अंगों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन हाथों के प्रत्यारोपण को लेकर यह प्रक्रिया शामिल नहीं है, जबकि भारत में 2014 से हाथों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। डॉ. अनिल कुमार के मुताबिक, हाथों का प्रत्यारोपण करने वाले सभी चिकित्सा संस्थानों को रजिस्ट्री में बोन ऑफ टिश्यू सेक्शन में जाकर पंजीयन कराना होगा। यहां मरीज और दाता दोनों की जानकारी उपलब्ध करानी होगी, ताकि समय रहते नोटो दान में मिलने वाले हाथों को जरूरतमंद मरीज के लिए उपलब्ध करवा सके।
2014 में कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल में पहले हाथ प्रत्यारोपण के बाद से अब तक यहां करीब 100 से अधिक प्रत्यारोपण हुए हैं। पिछले साल उत्तर भारत में पहला हाथ प्रत्यारोपण करने वाले सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर महेश मंगल ने बताया कि अगर किसी एक अस्पताल में अंगदान होता है तो उनसे प्राप्त अंगों की पहली प्राथमिकता वह अस्पताल रहता है। इसके बाद राज्य, फिर जोन और आखिर में राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें उपलब्ध कराया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया नोटो की निगरानी में होती है, लेकिन हाथों के प्रत्योरापण को लेकर यह प्रक्रिया नहीं है। अभी यह अस्पतालों पर निर्भर है।
उदाहरण के तौर पर गंगाराम अस्पताल की टीम के पास एक सूची है, जिसमें जरूरतमंद और दाता की जानकारी शामिल है। इस टीम के पास केवल एक ही बार हाथ दान में मिले हैं।
डॉ. महेश का कहना है कि ज्यादातर अस्पतालों को अभी तक हाथों की अहमियत के बारे में नहीं पता है। जब भी अंगदान होता है तो उनकी टीम की पहली प्राथमिकता किडनी, दिल, लिवर या फेफड़े पर रहती है, जबकि यह टीम दाता के हाथों का भी इस्तेमाल कर सकती है। रजिस्ट्री में शामिल होने के बाद जब इन अस्पतालों में वेटिंग लिस्ट बढ़ेगी और राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें उपलब्ध कराया जाएगा तब चिकित्सा क्षेत्र में भी इस प्रक्रिया को लेकर जागरूकता आएगी।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?