फिनफ्लुएंसर पर सेबी का शिकंजा, लगा बैन
नियामक ने अंसारी के साथ अंसारी के सहयोगी राहुल राव पदमती और उनकी एक कंपनी गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सेबी के आदेश में कहा गया है कि अंसारी ने स्टॉक सिफारिशें दीं, लेकिन बाजार से संबंधित शैक्षिक प्रशिक्षण प्रदान करने की आड़ में इसे बेचने की कोशिश की।
नई दिल्ली, (आरएनआई) फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर या फिनफ्लुएंसर पर कार्रवाई के अपने पहले बड़े मामले में, बाजार नियामक सेबी ने बिना पंजीकरण के कथित तौर पर कारोबारी सिफारिशें बेचने के आरोप में तीन इकाइयों को बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है और उन्हें जनवरी 2021 से जुलाई 2023 के बीच निवेशकों से उनकी सेवाओं के शुल्क के रूप में लिए गए 17 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है।
टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए 'बाप ऑफ चार्ट' ब्रांड के तहत शेयर सिफारिशें देने वाले मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
नियामक ने अंसारी के साथ अंसारी के सहयोगी राहुल राव पदमती और उनकी एक कंपनी गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सेबी के आदेश में कहा गया है कि अंसारी ने स्टॉक सिफारिशें दीं, लेकिन बाजार से संबंधित शैक्षिक प्रशिक्षण प्रदान करने की आड़ में इसे बेचने की कोशिश की।
सेबी ने तीनों इकाइयों को आदेश दिया है कि वे निवेश सलाहकार के रूप में काम करने या खुद का प्रतिनिधित्व करने से बचें। यह आदेश अंतरिम प्रकृति का है और यह उन तीन इकाइयों के लिए कारण बताओ नोटिस भी है जिन पर उसने प्रतिबंध लगाया है।
मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी सहित ये संस्थाएं कथित तौर पर एक्स, टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'बाप ऑफ चार्ट' ब्रांड के तहत काम कर रही थीं। सेबी ने उन्हें अपनी सेवाओं के लिए शुल्क के रूप में निवेशकों से लिए गए 17.2 करोड़ रुपये (2.3 मिलियन डॉलर) वापस करने का आदेश दिया है। बता दें कि नियामक वित्तीय प्रभाव के रूप में काम कर रहे अनधिकृत निवेश सलाहकारों पर शिकंजा कस रहा है।
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