फार्मूला ई-रेस मामले में पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय पहुंचे केटीआर
एसीबी फार्मूला ई-रेस मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। इस मामले में ईडी द्वारा धन शोधन की भी जांच की जा रही है। फार्मूला ई-रेस फरवरी 2023 में हैदराबाद में आयोजित की गई थी।
हैदराबाद (आरएनआई) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक केटी रामाराव (केटीआर) सोमवार को एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) के हैदराबाद स्थित कार्यालय पहुंचे। एसीबी फार्मूला ई-रेस मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। इस मामले में ईडी द्वारा धन शोधन की भी जांच की जा रही है। फार्मूला ई-रेस फरवरी 2023 में हैदराबाद में आयोजित की गई थी।
पूछताछ से पहले केटीआर ने आरोप लगाया कि उनके वकीलों को एसीबी ऑफिस में उनके साथ नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 'वह कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और वे माननीय उच्च न्यायालय और एसीबी के निर्देशों का सम्मान करते हुए पूछताछ के लिए पहुंचे हैं, लेकिन मेरे वकीलों को मेरे साथ आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। मैं सिर्फ मेरे अधिकारों की सुरक्षा करने की मांग कर रहा हूं, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है।' 19 दिसंबर को एसीबी ने केटीआर के खिलाफ फार्मूला ई-रेस मामले में कथित भुगतान को लेकर मामला दर्ज किया था। आरोप है कि बिना मंजूरी के लिए कुछ भुगतान विदेशी मुद्रा में किया गया। इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में केटीआर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बिना मंजूरी के लिए कुछ भुगतान विदेशी मुद्रा में किया गया। इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में केटीआर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में केटीआर को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जबकि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी को क्रमशः दूसरे और तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है। एसीबी ने केटीआर को पूछताछ के लिए 6 जनवरी को पेश होने का समन जारी किया था। इस मामले में ईडी ने भी 28 दिसंबर को केटीआर को 7 जनवरी को पूछताछ के लिए पेश होने का समन जारी किया हुआ है।
हैदराबाद में साल 2023 में आयोजित की गई फार्मूला ई-रेस में हैदराबाद मेट्रोपोलिटन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) द्वारा तेलंगाना नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग की ओर से यूके की कंपनी फार्मूला ई-ऑपरेशंस को करीब 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। एमएयूडी के प्रधान सचिव ने इन भुगतान में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एसीबी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना भुगतान किया गया। साथ ही विदेश में फंड ट्रांसफर के लिए रिजर्व बैंक की भी मंजूरी नहीं ली गई। विदेश भेजे गए फंड की वजह से आयकर विभाग का भी करीब आठ करोड़ रुपये बकाया है।
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