फर्जी NCC कैंप में छात्राओं के यौन शोषण मामले में NCW ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट, सरकार ने बनाई SIT
तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैंप में 13 साल की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और 12 अन्य के यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
नई दिल्ली (आरएनआई) तमिलनाडु के कृष्णागिरी में फर्जी एनसीसी शिविर में एक छात्रा से दुष्कर्म और 12 छात्राओं के यौन शोषण मामले का राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने डीजीपी चेन्नई को मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस और राज्य सरकार से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मामले में एसआईटी गठित की है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के भवनेश्वरी विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करेंगी। सीएम ने 15 दिनों के भीतर मामले की जांच शुरू करने और 60 में दिन में चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सीएम स्टालिन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बहु-अनुशासनात्मक टीम (एमडीटी) की स्थापना का भी निर्देश दिया। इसका नेतृत्व समाज कल्याण विभाग की सचिव जयश्री मुरलीधरन करेंगी। इसमें पुलिस और स्कूल शिक्षा विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह ऐसी घटनाओं से प्रभावित बच्चों की देखभाल के लिए सिफारिश करेगा।
तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैंप में 13 साल की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और 12 अन्य के यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में रविवार को कैंप आयोजक, निजी स्कूल के प्रधानाचार्य, दो शिक्षकों और एक कॉरेस्पॉन्डेंट सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि निजी स्कूल के पास एनसीसी इकाई नहीं थी। आयोजकों ने स्कूल प्रबंधन से कहा था कि कैंप की मेजबानी करने से वे एनसीसी इकाई के लिए पात्र हो जाएंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में आयोजित तीन दिवसीय कैंप में 17 लड़कियों सहित 41 छात्रों ने भाग लिया था। छात्राओं को पहली मंजिल पर स्कूल के सभागार में ठहराया गया था, जबकि लड़कों को भूतल पर। कैंप की निगरानी के लिए कोई शिक्षक भी नहीं रखा गया था। लड़कियों का आरोप है कि उन्हें बहलाकर ऑडिटोरियम से बाहर ले जाया गया... फिर उनका यौन उत्पीड़न और शोषण किया गया। कैंप पूरा होने के बाद सभी घर लौट आए। बाद में दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की तबीयत खराब हो गई और 16 अगस्त को अस्पताल में उसने परिजनों को घटना के बारे में बताया। इसके बाद परिजनों ने बरगुर पुलिस को घटना की सूचना दी और वारदात का पर्दाफाश हुआ।
डीएसपी पी थगादुरई ने बताया कि स्कूल के अधिकारियों को यौन अपराधों के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने पुलिस को सूचित करने के बजाय मामले को दबा दिया। यहीं नहीं, पीड़ित छात्राओं को भी इस मामले को गंभीरता से न लेने के निर्देश दिए गए थे।
पुलिस अब यह पता लगा रही कि क्या इस तरह के फर्जी एनसीसी कैंप कहीं और भी लगाए गए थे। पीड़िताओं की मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
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