फरदापुर मे किसान पाठशाला का हुआ आयोजन
हरदोई (आरएनआई)जनपद में आज द मिलियिन फार्मर्स (किसान पाठशाला) 8.0 का आयोजन विकास खण्ड सुरसा के ग्राम फर्दापुर में किया गया। किसान पाठशाला में विनीत कुमार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर हरदोई के द्वारा किसान पाठशाला में उपस्थित होकर किसानों को बताया कि किसान भाई गेहूँ की फसल को सुपर सीडर के माध्यम से लाइन से ही बुवाई करे और पहली सिंचाई 21 दिन बाद ही करे। सरसों की फसल में तेल की मात्रा एवं गुणवत्ता में सुधार के लिये सल्फर का प्रयोग अवश्य करे। चना की फसल में खुटाई तथा सरसों की फसल में विरलीकरण कर अपनी फसल का उत्पादन अधिक प्राप्त कर सकते है। फसल में पोषक तत्वों के प्रबन्धन के लिए अपने खेतों में गर्मियों की सीजन में गहरी जुताई, मेढ़बन्दी करे, जिससे वर्षा जल के माध्यम से पोषक तत्व खेत से बहकर बाहर न जाये। किसान भाई अपने खेतो में ढेंचा की हरी खाद, गोबर की खाद का प्रयोग, फसल अवशेष को डिकम्पोजर के माध्यम से सडाकर खेत में खाद बनाकर एवं रासायनिक उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करके अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है। उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर हरदोई ने किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि श्री अन्न (मिलेट्स) की खेती मृदा एवं मानव के स्वास्थ्य के लिए सर्वाेत्तम है। इसकी खेती में सिंचाई एवं उवर्रक की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। गौ आधारित खेती के लिए श्री अन्न (मिलेट्स) की फसलों की खेती बहुत ही उपयुक्त है। डा० श्रवण कुमार, सहायक विकास अधिकारी (कृषि) द्वारा आयोजित पाठशाला में उपस्थित होकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना एवं पी०एम०कुसुम सोलर पम्प योजना के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होने यह भी बताया कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत भूलेख सत्यापन, आधार सीडिंग, एवं ईकेवाई सी नहीं करायी है वह किसान विकासखण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर जाकर या अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के कर्मचारी के सहयोग से करा सकते है। उक्त के अतिरिक्त उन्होने किसानो को बताया कि फार्मर रजिस्ट्री के अभियान के तहत प्रत्येक किसान की फार्मर आई डी बनायी जानी आवश्यक है। अतः वह अपने गाँव में लगने वाले कैम्प मे अपना आधार कार्ड एवं मोबाइल नम्बर और खतौनी लेकर जाए और कृषि विभाग एवं लेखपाल से मिलकर अपनी आई ०डी० बनवा सकते है। किसान भाई स्वयं भी ऐप के माध्यम से या जन सेवा केन्द्र के माध्यम से आई० डी० बनवा सकते है। उपरोक्त किसान पाठशालाओं में ग्राम प्रधान एवं कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी (कृषि रक्षा), कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, क्षेत्रीय कर्मचारी एवं भारी संख्या में कृषक उपस्थित रहे।
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