प्लेन से तीर्थ यात्रा कराने वाला पहला राज्य बना एमपी, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिखाई हरी झंडी
भोपाल। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत 21 मई 2023 को भोपाल के एयपोर्ट से प्रदेश के 32 बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों के लिए प्रयागराज के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रवाना किया गया। इसके साथ ही एमपी देश का ऐसा पहले राज्य बन गया, जहां प्लेन से तीर्थयात्रा कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को वायुयान से ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ का शुभारंभ किया। प्रदेश के 32 बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को भोपाल विमानतल से प्रयागराज के लिए रवाना किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के तीन मार्ग हैं। ज्ञान मार्ग, कर्म मार्ग और भक्ति मार्ग।
प्रयागराज में दर्शन के लिए यात्रियों के रवाना करते हुए सीएम ने कहा कि मन आनंद और प्रसन्नता से भरा है, जिसने हवाई यात्रा नहीं की थी, वह पहली बार ही हवाई मार्ग से तीर्थ यात्रा करने जा रहें हैं। 2012 में ट्रेन से तीर्थ यात्रा की शुरुआत हुई अब 2023 में प्लेन से शुरु की गई है। प्लेन से तीर्थयात्रा कराने वाला पहला मध्य प्रदेश पहला राज्य है।
सीएम ने कहा कि एक संकल्प आज पूरा हुआ है, एक सपना आज साकार हुआ है। राम की कृपा से आप तीर्थों के दर्शन करेंगे और हमें व प्रदेश को आपका आशीर्वाद मिलेगा। जय सियाराम!
तीर्थ यात्रा का शुभारंभ करते हुए। सीएम ने भोपाल से प्रयागराज जाने वाले विमान को हरी झंडी दिखाकर तीर्थ यात्रियों को रवाना किया। इससे पहले CM ने तीर्थ यात्रियों से प्लेन में पहुंचकर मुलाकात भी की।
कौन और कैसे कर सकते हैं आवेदन
-मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
-आयकर दाता न हो।
-60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चूका हो।
-महिलाएं 58 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी हो।
-ऐसे दिव्यांग नागरिक जिनकी विकलांगता 60 प्रतिशत से अधिक हो, आयु का बंधन नहीं है।
-यदि पति–पत्नी साथ यात्रा करना चाहते है तो पति/पत्नी में से किसी एक को पत्रता होने पर जीवन साथी भी यात्रा पर जा सकता है, भले ही उसकी आयु 60 वर्ष से कम हो।
-तीर्थ यात्रा के लिए समूह बनाकर आवेदन किया जा सकता है, समूह का मुखिया मुख्य आवेदक होगा। किन्तु ऐसा समूह 25 व्यक्तियों से अधिक का नहीं होगा।
-यात्रा हेतु आवेदक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संक्रामक रोग जैसे टी.बी., कोंजेष्टिव कार्डियाक, शवास में अवरोध सम्बन्धी बीमारी, कोरोनरी अपर्याप्तता, कोरोनरी थ्रोम्बोसिस, मानसिक व्याधि, संक्रमण कुष्ठ रोग आदि से ग्रसित न हो। यात्रा करने हेतु आवेदक द्वारा शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम होने और किसी संक्रामक रोग से ग्रसित नहीं होने का चिकित्सीय प्रमाण-पत्र आवेदन में दिया जाना अनिवार्य है।
-65 वर्ष से अधिक आयु के एकल तीर्थ यात्री एवं 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग नागरिक को सहायक (केयर टेकर) ले जाने की पात्रता है।
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