प्रशासन की सख्ती के बाद माने ग्रामीण, महाराष्ट्र के गांव में रद्द हुआ बैलेट पेपर से पुनर्मतदान

एनसीपीएसपी नेता उत्तम जानकर ने कहा कि 'पुलिस के साथ बैठक के बाद, हमने ग्रामीणों के साथ चर्चा की। उनकी राय थी कि अगर प्रशासन मतदान नहीं होने देगा, तो पुलिस और निवासियों के बीच अराजकता और संघर्ष होगा और परिणामस्वरूप, मतदान प्रक्रिया नहीं होगी और लोग मतदान केंद्र छोड़ देंगे।'

Dec 3, 2024 - 13:00
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प्रशासन की सख्ती के बाद माने ग्रामीण, महाराष्ट्र के गांव में रद्द हुआ बैलेट पेपर से पुनर्मतदान

मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र की मालशिरास सीट के एक गांव में पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद गांव वाले मान गए हैं और उन्होंने बैलेट पेपर से पुनर्मतदान की अपनी जिद छोड़ दी है। दरअसल इस गांव के लोगों ने ईवीएम पर शंका जाहिर की थी और बैलेट पेपर से फिर से चुनाव कराने की मांग की थी। ग्रामीणों की जिद के बाद मालशिरास के एसडीएम ने सोमवार को ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत गांव में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। यह निषेधाज्ञा पांच दिसंबर तक लागू रहेगी, ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़ने पाए। 

अब पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों ने नरम रुख अपनाया और पुनर्मतदान की अपनी योजना छोड़ दी। एनसीपी एसपी नेता और सीट से विजेता उत्तम जानकर ने कहा कि 'पुलिस के साथ बैठक के बाद, हमने ग्रामीणों के साथ चर्चा की। उनकी राय थी कि अगर प्रशासन मतदान नहीं होने देगा, तो पुलिस और निवासियों के बीच अराजकता और संघर्ष होगा और परिणामस्वरूप, मतदान प्रक्रिया नहीं होगी और लोग मतदान केंद्र छोड़ देंगे।' जानकर ने कहा कि पुलिस प्रशासन के रुख को देखते हुए, ग्रामीणों ने 'मतदान' प्रक्रिया को रोकने का फैसला किया। उन्होंने कहा,  हम अन्य तरीकों से अपना विरोध जारी रखेंगे। हम इस मुद्दे को चुनाव आयोग और न्यायपालिका जैसे विभिन्न अधिकारियों के पास ले जाने की कोशिश करेंगे और जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम नहीं रुकेंगे।

सोलापुर जिले की मालशिरास विधानसभा सीट के गांव मरकडवाड़ी के लोगों ने आज यानी कि 3 दिसंबर को बैलेट पेपर से फिर से चुनाव कराने का एलान किया था। गांव के लोगों का कहना है कि ईवीएम के नतीजे संशयपूर्ण हैं और वे बैलेट पेपर से चुनाव कराकर इन्हें सत्यापित करना चाहते हैं। मंगलवार की सुबह मरकडवाड़ी गांव के स्थानीय लोगों के एक समूह ने बैलेट पेपर के इस्तेमाल से 'पुनर्मतदान' की व्यवस्था की। निषेधाज्ञा लागू होने के चलते गांव में भारी पुलिस सुरक्षा तैनात थी, क्योंकि स्थानीय लोगों का एक समूह उस स्थान के बाहर इकट्ठा हो गया था, जहां 'पुनर्मतदान' होना था। पुलिस ने गांव में सड़कें बंद कर दी थीं और चेतावनी दी कि अगर पुनर्मतदान हुआ तो लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे और मतदान सामग्री जब्त कर ली जाएगी।

गांव वालों का दावा है कि मालशिरस सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के विजेता उम्मीदवार उत्तम जानकर को मरकडवाड़ी गांव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते के मुकाबले 80 फीसदी से अधिक वोट मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि ईवीएम के मतदान के अनुसार जानकर को 1,003 वोट मिले, जबकि सतपुते को उनसे कुछ ही कम 843 मत मिले। उन्होंने दावा किया कि सतपुते को उनके गांव से 100-150 से अधिक वोट नहीं मिले होंगे। 

20 नवंबर को हुए चुनाव में जानकर ने सतपुते को 13,147 मतों से हराया है। परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। एक ग्रामीण का कहना है कि ईवीएम के नतीजे संदिग्ध हैं और ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मतपत्रों का उपयोग करके पुनर्मतदान के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन जिला प्रशासन ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। हालांकि ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े है उन्होंने गांव में बैनर लगाए हैं जिसमें दावा किया गया है कि तीन दिसंबर को 'पुनर्मतदान' होगा।

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