प्रशांत किशोर ने शुरू किया आमरण अनशन, बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े
प्रशांत किशोर अब आमरण अनशन पर बैठ गये हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था और बीपीएससी छात्रों के साथ हो रहे अन्याय के कारण यह कर रहा हूं।
पटना (आरएनआई) बीपीएससी के अभ्यर्थियों का साथ देने के लिए प्रशांत किशोर उनके साथ आये थे। अभ्यर्थियों के साथ मिलकर आंदोलन भी किया, जिस वजह से पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी किये थे। यहां तक कि पटना पुलिस ने उनपर प्राथमिकी भी दर्ज की। अब वह गांधी मैदान के बापू स्थल पर अपने समर्थकों और अभ्यर्थियों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गये हैं। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को ही इस बात की घोषणा की थी कि अगर सरकार बीपीएससी परीक्षा को रद्द नहीं करती है तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। इस संबंध में प्रशांत किशोर ने कहा कि "मेरी मांगों में परीक्षा रद्द करना और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करना है। उन्होंने कहा कि मैं उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करता हूं जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षाओं से भरे जाने वाले पदों को बिक्री के लिए रखा था।
पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किये जाने के बाद सरकार ने बात करने कम लिए बुलाया था। फिर प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात की। उनसे मुलाक़ात के बाद ही प्रशांत किशोर ने इस बात की घोषणा कर दी कि अगर नीतीश कुमार की सरकार बीपीएससी पेपर लीक पर कार्रवाई के लिए मात्र "48 घंटे" तक इंतजार करेंगे और फिर वह अपना आंदोलन तेज करेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार जबतक बीपीएससी की परीक्षा कैंसिल नहीं करती है, तब तक यह अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में पूरी शिक्षा व्यवस्था चौपट है।उन्होंने कहा कि एक के बाद एक कर के अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों में डोमिसाइल नीति लागू करना भी शामिल है।
प्रशांत किशोर की यह हैं पांच सूत्री मांगें
1. 70 वीं बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और पुनर्परीक्षा कराई जाय।
2. 2015 में 7 निश्चय के तहत किये वाडे के अनुसार 18 से 35 साल के हर बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाय।
3. पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की जांच एवं दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेतपत्र जारी की जाय।
4. लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठीतंत्र बनाने वाले दोष्गी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाय।
5. बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाय।
गांधी मैदान के बापू स्थल पर अपने समर्थकों और अभ्यर्थियों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गये हैं। इस बात की सूचना मिलने के बाद पटना प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि प्राप्त सूचना के अनुसार जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपने लगभग 150 कार्यकर्ताओं के साथ गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के समीप 5-सूत्री मांगों को लेकर धरना पर बीत गये हैं। ज़िला प्रशासन पटना द्वारा पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार धरना-प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग में स्थल चिन्हित किया गया है। विगत लगभग सात वर्षों से सभी राजनैतिक दल अपनी मांगों को लेकर उसी चिन्हित स्थल पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करते हैं। प्रशांत किशोर के द्वारा बिना अनुमति के प्रतिबंधित एवं अनधिकृत स्थल पर धरना देना ग़ैर-क़ानूनी एवं स्थापित परंपरा के विपरीत है। इसके लिए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए नोटिस निर्गत किया जा रहा है तथा धरना कार्यक्रम को निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में स्थानांतरित करने को कहा जा रहा है, अन्यथा आगे विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
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