प्रशांत किशोर को पुलिस ने किया गिरफ्तार; बीपीएससी प्रदर्शन खत्म, हंगामे की आशंका
तबीयत बिगड़ती देख प्रशांत किशोर को पुलिस ने सोमवार सुबह पटना के गांधी मैदान से जबरन उठा लिया। इस दौरान अड़ने पर एक पुलिसकर्मी ने उनपर थप्पड़ भी चलाया। इसके कारण तनाव की स्थिति है। वीडियो देखने के बाद हंगामा बढ़ भी सकता है।
पटना (आरएनआई) बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर अब राज्य सरकार के लिए और बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं। गांधी मैदान में आमरण अनशन पर से उठाने के दौरान अड़ने पर एक पुलिसकर्मी ने उनपर थप्पड़ चला दिया। इसके बाद प्रशांत किशोर के समर्थकों ने साफ शब्दों में पुलिस को वहीं धमकी दी कि हाथ मत चलाइए, बड़ा बवाल हो जाएगा। गिरफ्तारी के दौरान प्रशांत किशोर पर हाथ चलाने वाला यह वीडियो अब वायरल हो रहा है। इससे तनाव बढ़ने की आशंका है। उन्हें एम्स ले जाने की बात थी, लेकिन कहां ले जाया गया है- इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है और न कोई दे रहा है। अनशन सुबह करीब चार से पांच बजे के बीच बलपूर्वक खत्म कराया गया।
प्रशांत किशोर की तबीयत अनशन के दौरान बिगड़ रही थी। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें बोलने से रोक दिया। भाषण देने या लंबी बातचीत से उन्हें मना किया गया था ताकि कंठ नहीं सूखे। बीपीएससी परीक्षार्थियों की पुनर्परीक्षा की मांग और पेपर लीक के आरोपों के समर्थन में पीके आमरण अनशन पर थे। सोमवार सुबह उनके साथ रहे तमाम प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गांधी मैदान से तितरबितर कर दिया। उन्हें एम्स ले जाने की बात बताई गई, लेकिन हंगामे को देखते हुए उन्हें कहीं और ले जाए जाने की जानकारी आ रही है। इस बारे में किसी के पास पक्की और औपचारिक जानकारी नहीं है। हाथ चलाए जाने के बाद हंगामे की आशंका को देखते हुए उन्हें नौबतपुर ले जाए जाने की सूचना आ रही है।
उन्हें एम्स ले जाया गया था, लेकिन वहां इलाज से मना करने और भीड़ जुटने की आशंका को देखते हुए पुलिस टीम नौबतपुर की ओर लेकर बढ़ गई। रविवार को पीके ने कहा था कि 'नवगठित वाईएसएस के 51 सदस्यों में से 42 ने इस अंदोलन को जारी रखने का फैसला किया। वाईएसएस के सभी सदस्य अलग-अलग राजनीतिक संगठनों का हिस्सा हैं और छात्र-हित में आंदोलन के लिए एकजुट हैं।' पटना में 29 दिसंबर को पुलिस ने बीपीएससी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था, जिसके विरोध में पीके आमरण अनशन पर बैठे थे।
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर एवं कुछ अन्य लोगों के द्वारा अपनी पाँच सूत्री माँगों को लेकर प्रतिबंधित क्षेत्र गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के समक्ष अवैध ढंग से धरना दिया जा रहा था। प्रशासन ने वहां से हटकर धरना के लिए निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में जाने के लिए नोटिस दिया था। प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना देने के कारण प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आग्रह करने तथा पर्याप्त समय देने के बाद भी नहीं जाने के कारण सोमवार सुबह में उन्हें कुछ समर्थकों के साथ गिरफ़्तार किया गया। सभी लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन्हें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जा रही है।
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