प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक में हंगामे के बाद मारपीट, साधु-संतों में जमकर चले लात-घूंसे
प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से महाकुंभ 2025 को लेकर बैठक बुलाई गई थी। बैठक के दौरान अखाड़ों के दो गुटों में झगड़ा हो गया। इस दौरान साधु-संतों के बीच मारपीट भी हुई।
प्रयागराज (आरएनआई) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम की रेती पर महाकुंभ 2025 से पहले अखाड़ों की बैठक मे आपसी मतभेद को लेकर मेला प्राधिकरण के दफ्तर में ही दो गुटों मे मार-पीट हो गई। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरी गिरी ने झगड़ा शांत कराया। मेला प्राधिकरण कार्यालय में संतों ने एक-दूसरे पर जमकर मुक्के बरसाए। यह घटना अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और महामंत्री हरी गिरी की उपस्थिति में हुई, जिसमें मेला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।
गुरुवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा अखाड़ों को आवंटित की जाने वाली भूमि का निरीक्षण कराने की योजना थी। इसे लेकर सभी अखाड़ों के संत महात्मा मेला प्राधिकरण कार्यालय में एकत्रित हुए। इस बैठक के दौरान अखाड़ों के महंतों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जिसने जल्द ही एक हिंसक मोड़ ले लिया। साधु-संत आपस में लात, घूंसों और मुक्कों से एक-दूसरे पर हमला करने लगे, जिससे कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यह विवाद जितना अप्रत्याशित था, उतना ही चिंताजनक भी, क्योंकि महाकुंभ मेले में अखाड़ों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
मामले को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने संघर्ष कर रहे संतों के बीच बचाव कर किसी तरह से माहौल को शांत किया। लेकिन इसके बावजूद कार्यालय में तनाव बना रहा। विवाद की मुख्य वजह बैठक में एक पक्ष द्वारा की गई नारेबाजी को बताया जा रहा है। तनातनी जमीन आवंटन के मुद्दे पर शुरू हुई थी।
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