प्रमोद तिवारी बोले- राज्यसभा में विपक्ष को नहीं दिया जाता बोलने का मौका, धनखड़ के सामने उठाया मुद्दा
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, हमने राज्यसभा के सभापति के पास जाकर अपना विरोध दर्ज कराया। हमने उन्हें बताया कि भाजपा नेता जेपी नड्डा और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा ने 10-15 मिनट तक बोला, तो हमारे नेता मल्लिकार्जुन खरगे एक मिनट भी बोलने का समय नहीं मिला।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों ने गुरुवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और विपक्षी सांसदों को सदन में बोलने के लिए पर्याप्त समय न मिलने को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने यह जानकारी दी।
प्रमोद तिवारी ने कहा, हमने राज्यसभा के सभापति के पास जाकर अपना विरोध दर्ज कराया। हमने उन्हें बताया कि जब (भाजपा नेता जेपी) नड्डा और (पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा) ने 10-15 मिनट तक बोला, तो हमारे नेता मल्लिकार्जुन खरगे एक मिनट भी बोलने का समय नहीं मिला। तिवारी ने आगे कहा, हम चाहते हैं कि अदाणी समूहों के 2,300 करोड़ रुपये के रिश्वत देने, उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगे, मणिपुर की स्थिति और मजदूरों व किसानों से जुड़े जरूरी मुद्दों पर चर्चा हो। लेकिन हमें बोलने का मौका नहीं मिल रहा है। हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने गए थे।
विपक्षी सदस्यों ने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया है। उनका आरोप है कि धनखड़ पक्षपाती हैं और उन्हें अपने मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है। इसके जवाब में राज्यसभा के नेता और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को सदन में बोलने के लिए पर्याप्त मौके दिए गए थे। लेकिन उन्होंने इनका उपयोग नहीं किया। नड्डा ने आरोप लगाया कि खरगे सभापति के बुलाए जाने पर भी उनके पास की चैंबर में नहीं गए और न ही व्यावसायिक सलाहकार समिति की बैठकों में भाग लिया।
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