प्रधानमंत्री मोदी ने ‘क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स’ में भारत के प्रदर्शन की सराहना की
लंदन में बृहस्पतिवार दुपहर को क्यूएस ने पहला फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट जारी की है। इसमें भारत को उभरती हुई तकनीकों में भविष्य में मांग वाले कौशल के लिए सबसे तैयार नौकरी बाजारों में दूसरा स्थान दिया है। दरअसल, यह अपनी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय रैंकिंग के लिए जाना जाता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 'क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स' में भारत के प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसे मूल्यवान करार दिया। पीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, ''यह देखकर खुशी होती है! पिछले दशक के दौरान हमारी सरकार ने युवाओं को ऐसे कौशल से लैस करके मजबूत करने पर काम किया है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और धन सृजन कर सकें। हमने भारत को नवाचार और उद्यम का केंद्र बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का भी लाभ उठाया है।''
पीएम ने क्यूएस के सीईओ व प्रबंध निदेशक नुनजियो क्वाक्वेरेली के एक्स पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस पोस्ट में लिखा है कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण है। प्रधानमंत्री ने आगे लिखा है कि क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025 से मिली अंतर्दृष्टि मूल्यवान है। क्योंकि हम समृद्धि और युवा सशक्तीकरण की दिशा में इस यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं।
लंदन में बृहस्पतिवार दुपहर को क्यूएस ने पहला फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट जारी की है। इसमें भारत को उभरती हुई तकनीकों में भविष्य में मांग वाले कौशल के लिए सबसे तैयार नौकरी बाजारों में दूसरा स्थान दिया है। दरअसल, यह अपनी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय रैंकिंग के लिए जाना जाता है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां की युवा आबादी को भविष्य की जरूरतों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), डिजिटल, ग्रीन एनर्जी जैसी उच्च मांग वाले क्षेत्रों के लिए सबसे योग्य पाया गया है।
क्यूएस की वर्ल्ड फ्यूचर स्किल इंडेक्स-2025 की रिपोर्ट में भारत की वर्कफोर्स को सबसे अधिक पेशेवर माना गया है। क्यूएस के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्विन फर्नांडिस ने कहा, क्यूएस की ताजा रैंकिंग बताती है कि भारत की वर्कफोर्स आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रही है। भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत पूरी तरह से तैयार है। एआई, डिजिटल और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में भारत का काम दुनिया के अन्य देशों से एक कदम आगे है। क्यूएस रिपोर्ट में अमेरिका 100 अंक के स्कोर के साथ पहले, जबकि भारत 99.1 अंक के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है। मैक्सिको 98.2 अंक के साथ तीसरे पायदान पर रहा।
सूची में भारत की ओवरऑल रैंकिंग 25 रही। क्यूएस ने जिन पैमानों पर यह रैंकिंग की, उनमें भारत स्किल फिट श्रेणी में 37वें, एकैडमिक रेडीनेस श्रेणी में 26वें और आर्थिक बदलाव श्रेणी में 40वें पायदान पर है। भविष्य की जरूरतों के लिहाज से भारतीय युवा दुनिया को टक्कर दे रहे हैं। रैंकिंग चार बिंदुओं स्किल फिट, एकैडमिक रेडिनेस, फ्यूचर ऑफ वर्क वआर्थिक बदलाव पर हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करने में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले आगे है। भारत की यह ताकत उसे भविष्य में और आगे ले जाने में मदद कर सकती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में भारत को सुधार करने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इंडस्ट्री में एआई, डिजिटल और ग्रीन स्किल क्षेत्र की लगातार बढ़ती जरूरतों के अनुसार भारतीय छात्रों को इन क्षेत्रों में कौशल संपन्न होना चाहिए।
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