प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा हमला, संसद में बोले- कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख, यही एकमात्र इतिहास है, यही वर्तमान है, रखे 11 संकल्प
दिल्ली(आरएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में संविधान पर चर्चा के बीच अपना उद्बोधन दिया, उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण से शुरू कर आज के बदलते दौर का जिक्र किया, उन्होंने कांग्रेस पर बाबा साहब के संविधान को बार बार बदलने के आरोप लगाये , धारा 370 का उदाहरण दिया , आरक्षण पर पूर्व कांग्रेस के प्रधानमंत्रियो की राय बताई और अंत में 11 संकल्प बताये।
प्रधानमंत्री ने कहा, संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार यात्रा है और विश्व के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की यात्रा है। इसकी मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दीर्घ दृष्टि, हमारे संविधान निर्माताओं के योगदान और जिसको लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, ये 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक उत्सव मनाने का पल है। ये उपलब्धि असाधारण है। जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं।
जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे तब तक हम विकसित भारत बना कर रहेंगे
आज हमारी हर योजना की सेंटर में महिलाएं होती हैं और जब हम ये संविधान के 75 वर्ष मना रहे हैं, तो ये अच्छा संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। यही नहीं, हमारे सदन में भी महिला सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब हमारा देश बहुत तेज गति से विकास कर रहा है। भारत बहुत ही जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है।इतना ही नहीं, ये 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे तो हम इस देश को विकसित भारत बना कर रहेंगे।
भारत का भला न देख पाने वाले लोग विविधता में विरोधाभास ढूढंते रहे
उन्होंने कहा, विविधता में एकता ये भारत की विशेषता रही है और इस देश की प्रगति भी विविधता को सेलिब्रेट करने में है। लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने, भारत का भला न देख पाने वाले लोगों ने वो विविधता में विरोधाभास ढूढंते रहे। इतना ही नहीं, विविधता जो हमारा अमूल्य खजाना है उसको सेलिब्रेट करने के बजाय उस विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे, ताकि देश की एकता पर चोट पहुंचे।
आर्टिकल 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया
मोदी ने कहा, अगर हमारी नीतियों को देखेंगे तो पिछले 10 साल देश की जनता ने जो मुझे सेवा करने का मौका दिया है, उन नीतियों और निर्णयों को देखेंगे तो भारत की एकता को मजबूती देने का निरंतर हम प्रयास करते रहे हैं , आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना पड़ा था, लेकिन देश की एकता हमारी प्राथमिकता थी, जो हमारी संविधान की भावना थी, इसीलिए आर्टिकल 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया।
कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी
कांग्रेस पर हमला करते हुए मोदी ने कहा, कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है।कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है, ये कभी भी धुलने वाला नहीं है।
जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर साधा निशाना
उन्होंने याद दिलाया, पहले पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह मानी नहीं। करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमती इंदिरा गांधी। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया और 1971 में ये संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे।
कांग्रेस ने संसद का भी गला घोटने का काम किया
कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की। संविधान के महत्व को कम किया। कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है। आर्टिकल 370 के बारे में तो सबको पता है, लेकिन 35-ए के बारे में पता बहुत कम है।भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है, लेकिन उसका भी इन्होंने गला घोंटने का काम किया।
आरक्षण पर याद दिलाये नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के बयान
नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक, कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया है। इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां स्वयं नेहरू जी ने लिखी है, मुख्यमंत्रियों को लिखी है। इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं। बाबा साहेब अंबेडकर समता के लिए और भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण को लेकर आए लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) इनके खिलाफ झंडा ऊंचा किया हुआ था। दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था। जब कांग्रेस को देश ने हटाया, जब कांग्रेस गई तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला ये कांग्रेस का पाप है।
कांग्रेस पर किया बड़ा हमला
बड़ा हमला करते हुए मोदी ने कहा, कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए, सत्ता भूख के लिए अपनी वोट बैंक को खुश करने के लिए, धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल खेला है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है। कांग्रेस के लिए सत्ता सुख और सत्ता भूख यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है। हमने भी संविधान संशोधन किए हैं लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।
गरीबी हटाओ जुमला याद दिलाकर कसा तंज
उन्होंने कहा एक शब्द है- जुमला, जिसके बिना वो (कांग्रेस) जी नहीं सकते। लेकिन इस देश को पता है हिंदुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था और वो 4-4 पीढ़ी ने चलाया। वह जुमला था – ‘गरीबी हटाओ’। यह ऐसा जुमला था जिससे उनकी राजनीति की रोटी तो सेकी जाती थी, लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था। 2014 में जब एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला तो लोकतंत्र और संविधान को मजबूती मिली। गरीबों को मुश्किलों से मुक्ति मिले, यह हमारा बहुत बड़ा मिशन और संकल्प है। हमें गर्व है कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये सब सिर्फ शब्दों में नहीं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज मैं इस सदन के पवित्र मंच से 11 संकल्प सदन के सामने रखना चाहता हूं…
1. चाहे नागरिक हो या सरकार हो, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।
2. हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो।
3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो।
4. देश के कानून, देश के नियम,देश की परंपराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए, गर्व का भाव हो।
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
6. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
7. संविधान का सम्मान हो, राजनीति स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए।
8. संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है उसको न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।
9. women led development में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने।
10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, ये हमारा विकास का मंत्र हो।
11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो।
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