प्रधानमंत्री के आरोप पर शरद पवार का जवाब
शरद पवार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में कृषि मंत्री का पद संभाला था। पीएम मोदी ने ये भी आरोप लगाया कि शरद पवार के कृषि मंत्री रहते हुए किसान बिचौलियों की दया पर निर्भर थे।
मुंबई, (आरएनआई) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को पीएम मोदी के आरोपों का जवाब दिया और बताया कि कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी उन्हीं के कार्यकाल में हुई थी। शरद पवार ने दावा किया कि उनके कृषि मंत्री रहते हुए कई योजनाएं लागू की गईं, जिससे देश में खाद्य उत्पादन बढ़ा। बता दें कि पवार का यह बयान पीएम मोदी के उन आरोपों का जवाब माना जा रहा है, जिनमें प्रधानमंत्री ने नाम लिए बिना शरद पवार के बतौर कृषि मंत्री कार्यकाल पर सवाल उठाया था।
प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि 'कुछ लोग महाराष्ट्र में किसानों के नाम पर राजनीति करते हैं। महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नेता, जो देश के कृषि मंत्री भी रहे, मैं निजी तौर पर उनकी इज्जत करता हूं लेकिन उन्होंने किसानों के लिए क्या किया?' शरद पवार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में कृषि मंत्री का पद संभाला था। पीएम मोदी ने ये भी आरोप लगाया कि शरद पवार के कृषि मंत्री रहते हुए किसान बिचौलियों की दया पर निर्भर थे।
अब शिरडी में एक जनसभा के दौरान शरद पवार ने पीएम मोदी के उन आरोपों का जवाब दिया। शरद पवार ने कहा कि जब उन्होंने 2004 में कृषि मंत्री का पद संभाला था तो उस वक्त देश में खाद्यान्न संकट था। जब 2004 में उन्होंने पद संभाला तो चावल की एमएसपी 550 रुपये थी जो 2014 तक बढ़कर 1310 रुपये की गई थी। इसमें 168 प्रतिशत की ग्रोथ हुई। इसी तरह सोयाबीन जैसी फसलों की एमएसपी 198 प्रतिशत बढ़ी। कई महत्वकांक्षी योजनाएं जैसे नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन आदि शुरू की गईं। उनके द्वारा लाई गई राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ने देश के कृषि क्षेत्र को पूरी तरह से बदल दिया।
पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दक्षिण के कुछ राज्यों में ही चावल का उत्पादन होता था लेकिन दूसरी हरित क्रांति से उत्तर पूर्वी राज्यों, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में भी चावल का उत्पादन बढ़ा। शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने भी गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ही शरद पवार को कृषि क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए पद्मविभूषण सम्मान दिया था।
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