प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग के लिए अड़ी रहीं हसीना, पर आखिरी वक्त में सेना ने छोड़ा साथ

हसीना के देश छोड़ने की खबरें सबको हैरान करने वाली थीं। एक दिन पहले तक उन्होंने और उनकी पार्टी अवामी लीग के नेता दावा कर रहे थे कि उनकी पार्टी सत्ता में रहने वाली है, लेकिन हुआ कुछ और। 

Aug 7, 2024 - 07:00
 0  1.4k
प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग के लिए अड़ी रहीं हसीना, पर आखिरी वक्त में सेना ने छोड़ा साथ

ढाका (आरएनआई) बांग्लादेश में घटे पूरे घटनाक्रम में शेख हसीना को सबसे बड़ा झटका सेना से लगा। उन्हें भरोसा था कि सेना उनका साथ देगी, लेकिन आखिरी वक्त में वो भी साथ छोड़ गई। हसीना जिस देश में वर्षों तक प्रधानमंत्री रहीं उसी देश को छोड़ने के लिए उन्हें मात्र 45 मिनट मिले। इन आखिरी चंद मिनटों में बहुत कुछ हुआ। हसीना का इस्तीफा, मात्र चार सूटकेस में अपना सबकुछ समेटना और फिर देश से रुखसती।

हसीना के देश छोड़ने की खबरें सबको हैरान करने वाली थीं। एक दिन पहले तक उन्होंने और उनकी पार्टी अवामी लीग के नेता दावा कर रहे थे कि उनकी पार्टी सत्ता में रहने वाली है, लेकिन हुआ कुछ और। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रथम आलो के मुताबिक, देश छोड़ने से 45 मिनट पहले तक हसीना प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग के लिए अड़ी थीं, लेकिन सेना ने ऐसा नहीं किया। हसीना इस बात से नाराज थीं।

पुलिस के कमजोर पड़ने और सेना के कार्रवाई करने से इन्कार करने के बाद हसीना ने हथियारों से लैस पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उतार दिया। इसने एक बड़ी राजनीतिक हिंसा की शुरुआत की। पार्टी के नेता ने प्रदर्शनकारियों को आतंकी कहा।

बहन ने पीछे हटने के लिए मनाने की कोशिश की : सोमवार को जब प्रदर्शनकारी हसीना के आवास की तरफ बढ़ने लगे तो उन्होंने सेना से मजबूत कार्रवाई को कहा। उनकी बहन ने भी उन्हें पीछे हटने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद अमेरिका में मौजूद उनके बेटे साजीब वाजेद ने फोन कर उन्हें इस्तीफा देने पर राजी किया। इसके बाद वह देश के नाम एक संदेश रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सेना के अधिकारियों ने उनसे 45 मिनट के अंदर देश छोड़ने को कह दिया।

हसीना सेना के सामने पुलिस का उदाहरण देते हुए वैसी ही कार्रवाई करने को कहा। एक समय तो हसीना इतने गुस्से में आ गई थीं कि सेना प्रमुख को यह तक कह दिया कि उन्होंने ही उनकी नियुक्ति की है, लेकिन 20 साल से ज्यादा समय तक देश का नेतृत्व करने वाली नेता को यह पता होना चाहिए था कि सेना की वफादारी की भी अपनी सीमाएं हैं। भले ही इसके लिए उन्होंने जमकर ताकत का इस्तेमाल किया था।

शेख हसीना के जाने की खबर उनके पार्टी नेताओं के लिए हैरानी भरी थी। कैबिनेट के सदस्य और पार्टी के शीर्ष दिग्गजों को इस बारे में कुछ नहीं पता था। उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई और उनका मानना था कि हसीना अपनी बात पर कायम रहेंगी। रविवार रात तक एक कैबिनेट मंत्री ने पश्चिमी सूत्रों से कहा था कि वे इस तूफान का सामना कर सकते हैं।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.