प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े लोग; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुष्पचक्र अर्पित किये
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कार्यालय में प्रकाश सिंह बादल को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहां, पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे थे।
चंडीगढ़, 26 अप्रैल 2023, (आरएनआई)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कार्यालय में प्रकाश सिंह बादल को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहां, पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे थे।
शिअद के वरिष्ठ नेता बादल को सांस लेने में समस्या पेश आने के बाद 16 अप्रैल को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने मंगलवार रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली। वह 95 वर्ष के थे।
पंजाब सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में बृहस्पतिवार को अवकाश घोषित किया है। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, विभाग, बोर्ड, निगम और शैक्षणिक संस्थान बृहस्पतिवार को बंद रहेंगे।
केंद्र सरकार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में 26 और 27 अप्रैल को दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
सात दशक से अधिक समय तक पंजाब की राजनीति में सक्रिय रहे शिअद नेता के पार्थिव शरीर को एक एंबुलेंस से यहां पार्टी मुख्यालय में लाया गया। पार्टी के शोक संतप्त समर्थक, शिअद के दिवंगत नेता के अंतिम दर्शन के लिए घंटों कतार में खड़े रहे और ‘‘सरदार प्रकाश सिंह जी बादल अमर रहे’’ के नारे लगाए।
लोगों की भारी मौजूदगी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पटियाला से सांसद परनीत कौर सहित कई नेताओं ने प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी।
चौटाला अपने प्रिय मित्र एवं शिअद के वरष्ठि नेता को श्रद्धांजलि देते हुए अपने आंसू रोक नहीं पाए। चौटाला और बादल, क्रमश: हरियाणा और पंजाब के दो शक्तिशाली राजनीतिक परिवार हैं। दोनों परिवारों के बीच लंबे और घनिष्ठ संबंध हैं। बादल पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के करीबी मित्र थे, जिन्हें ‘ताऊ’ देवी लाल के नाम से जाना जाता था।
चौटाला ने बाद में बादल को ‘‘किसानों का मसीहा’’ कहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार दोपहर चंडीगढ़ पहुंचने के बाद सीधे शिअद कार्यालय पहुंचे। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उनके साथ थे।
प्रधानमंत्री ने बादल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किये और फिर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के बगल में बैठे। प्रधानमंत्री मोदी, शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल का हाथ थामे उनके पिता के निधन पर दुख व्यक्त करते नजर आए। मोदी कुछ समय के लिए शिअद कार्यालय में रुके।
बादल के पार्थिव शरीर को यहां शिअद के मुख्य कार्यालय में रखा गया है, ताकि लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पटियाला की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुनील जाखड़, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा ने भी शिअद के दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।
चन्नी और कौर ने भी शिअद के दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। बादल के दामाद आदेश प्रताप सिंह कैरों, पोते अनंतवीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता जसवीर सिंह गढ़ी भी शिअद कार्यालय पहुंचे थे।
केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश और पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने अस्पताल में सुखबीर के प्रति संवेदना व्यक्त की, जहां उनके पिता ने मंगलवार को अंतिम सांस ली थी। पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी वहां मौजूद थे।
सुखबीर और मनप्रीत दोनों को अस्पताल में प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर के पास देखा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और कांग्रेस नेता लाल सिंह सहित अन्य नेता पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए शिअद कार्यालय पहुंचे।
शिअद के दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को कुछ घंटों के लिए यहां पार्टी मुख्यालय में रखा गया और बाद में प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को राजपुरा, पटियाला, संगरूर, बरनाला, रामपुरा फूल और बठिंडा होते हुए मुक्तसर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के पैतृक गांव बादल ले जाया गया।
फूलों से सजी एंबुलेंस को बिक्रम सिंह मजीठिया चला रहे थे और उनके बगल में सुखबीर सिंह बादल बैठे थे। मुक्तसर जाने के रास्ते में कई जगहों पर पार्टी समर्थकों और लोगों ने एंबुलेंस पर फूल बरसाए।
शिअद के एक नेता ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को दोपहर एक बजे मुक्तसर के बादल गांव में किया जाएगा।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भुंदर ने कहा कि बादल का निधन देश के लिए बड़ी क्षति है। वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि बादल एक बड़ी शख्सियत थे और एक बड़े नेता थे, जिन्होंने पंजाब और ‘पंजाबियत’ के लिए लड़ाई लड़ी।
सांसद परनीत कौर ने कहा कि बादल बहुत धैर्यवान और सौम्य थे और नेताओं को उनसे यह गुण सीखना चाहिए। पंजाब के वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब की राजनीति में बादल के उल्लेखनीय योगदान को याद किया।
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को श्रीनगर में कहा कि प्रकाश सिंह बादल देश के लिए काम करने वाले और सच्चाई के लिए लड़ने वाले नेता थे और उनका निधन एक बड़ा झटका है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘बादल के निधन की खबर बहुत दुखद है। वह भारत में एक कद्दावर नेता थे। वास्तव में, मैं कहूंगा कि उनके जैसा कोई नेता नहीं था।’’
फारूक अब्दुल्ला के बेटे और नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बादल स्वतंत्र भारत के कद्दावर नेताओं में से एक थे।
बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जिसने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी मुख्यमंत्री रहे। वह 11 बार विधानसभा के लिए चुने गये थे।
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