पोषक तत्वों की कमी और अधिकता दोनों ही खतरनाक
शरीर को बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। विटामिन्स, प्रोटीन, आयरन सहित तमाम पोषक तत्व सभी अंगों को स्वस्थ रखने और उनके कार्यों को बेहतर ढंग से होते रहने में मदद करते हैं। विटामिन-सी और डी जैसे तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
नई दिल्ली। शरीर को बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। विटामिन्स, प्रोटीन, आयरन सहित तमाम पोषक तत्व सभी अंगों को स्वस्थ रखने और उनके कार्यों को बेहतर ढंग से होते रहने में मदद करते हैं। विटामिन-सी और डी जैसे तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने से बीमारियों के विकसित होने का खतरा हो सकता है, पर अगर इनकी मात्रा बढ़ जाए तो इसके कारण भी जोखिम हो सकता है। कई पोषक तत्वों की अधिकता की स्थिति में तो किडनी की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
विटामिन-सी
विटामिन-सी काफी चर्चित पोषक तत्वों में से एक है, ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होती है। शरीर में विटामिन-सी की कमी के कारण चिड़चिड़ापन और एनोरेक्सिया का खतरा हो सकता है। इसके अलावा आपको त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे घाव का ठीक से न भरना, दांतों-मसूड़ों की समस्या, संक्रामक रोगों का खतरा रहता है।
वहीं अगर शरीर में विटामिन-सी की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो इसके कारण पेट खराब होने और दस्त के साथ गंभीर स्थितियों में किडनी की पथरी हो सकती है।
विटामिन-डी
भोजन और सूर्य के प्रकाश के माध्यम से शरीर को विटामिन-डी मिलता है। इसे प्रतिरक्षा प्रणाली और हड्डियों के लिए आवश्यक माना जाता है। शरीर में विटामिन-डी की कमी के कारण इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने के साथ कैल्शियम का स्तर भी कम (हाइपोकैल्सीमिया) होने लगता है। इसे रिकेट्स (बचपन में हड्डियों का नरम होना) नामक बीमारी का भी कारक माना जाता है।
वहीं विटामिन-डी की अधिकता भी नुकसानदायक है, इससे शरीर में बहुत अधिक कैल्शियम का निर्माण हो सकता है, इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और किडनी-हृदय को नुकसान पहुंच सकता है।
आयरन हमारे रक्त का प्रमुख अवयव है, इसकी कमी से एनीमिया का खतरा रहता है। जब आपके शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त आयरन नहीं होता है तो इस रोग का जोखिम हो सकता है। एनीमिया को अध्ययनों में कमजोरी-थकान जैसी समस्याओं के साथ गंभीर स्थितियों में हृदय रोग-डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाने वाला भी पाया गया है।
पर ध्यान दें अगर आप बहुत अधिक आयरन वाली चीजों का सेवन करते हैं तो ये भी नुकसानदायक है। शरीर में आयरन की अधिकता के कारण लिवर, जोड़ों, अग्न्याशय और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी पोषक तत्वों का सेवन सही मात्रा में ही किया जाना चाहिए। बेहतर है कि आप सप्लीमेंट्स की जगह आहार के माध्यम से इसे प्राप्त करें।
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