पोंजी घोटाले में एक बार फिर ईडी की बड़ी कार्रवाई, करीब 37 करोड़ रुपये की नकदी जब्त
मुंबई के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोंजी घोटाला मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों से 600 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में मुंबई के एक वित्तीय सलाहकार और उसकी कंपनी के खिलाफ ईडी ने जांच की। इसी के चलते जांच एजेंसी ने बैंक और डीमैट खातों में जमा राशि के अलावा करीब 37 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की।
मुंबई (आरएनआई) मुंबई के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोंजी घोटाला मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों से 600 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में मुंबई के एक वित्तीय सलाहकार और उसकी कंपनी के खिलाफ ईडी ने जांच की। इसी के चलते जांच एजेंसी ने बैंक और डीमैट खातों में जमा राशि के अलावा करीब 37 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की।
संघीय एजेंसी ने रविवार को कहा कि अंबर दलाल और उनकी कंपनी रिट्ज कंसल्टेंसी सर्विसेज के खिलाफ 21 जून को महानगर में छापेमारी करने के बाद यह कार्रवाई की गई। दरअसल, मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट और उनकी कंपनी पर पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने का लालच देकर पैसा ठगने का आरोप लगाया गया था। इसी के बाद ईडी ने इस मामले का संज्ञान लिया और छापेमार कार्रवाई की। जांच में पता चला कि रिटर्न का बाद देने के बाद पैसे लेकर दलाल फरार हो गया था।
ईडी की जांच में सामने आया कि दलाल ने 1,300 निवेशकों से 600 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए। उसे ईडी और मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है।
ईडी ने आरोप लगाया कि दलाल ने निवेशकों से यह कहकर पैसा जुटाया कि उसने सोना, चांदी, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, जस्ता, सीसा, निकल, तांबा, एल्यूमीनियम जैसे व्यापार में निवेश किया, ताकि पूंजी सुरक्षित रहे और निवेशकों को 18-22 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न मिल सके। उसने यही झूठी बातें बताकर यूएई और अमेरिका में भी निवेशकों से धन जुटाया।
बाद में स्टॉक ब्रोकर, निवेश सलाहकारों के एक नेटवर्क का खुलासा किया जो कमीशन के बदले ग्राहकों को लाते थे। यह भी पाया गया है कि नए निवेश से प्राप्त भुगतान का उपयोग पुराने निवेशकों को मासिक रिटर्न का भुगतान करने के लिए किया जा रहा था। ईडी ने कहा कि दलाल ने रिट्ज के खाते में प्राप्त धन को व्यक्तिगत खातें में ट्रांसफर कर लिया था, जिसे बाद में परिवार के सदस्यों के खातों में भेज दिया गया और संपत्ति बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने लगभग 51 करोड़ रुपये अपने व्यक्तिगत खातों में भेजे। इस धन का इस्तेमाल भारत और विदेशों में संपत्ति खरीदने के लिए किया गया था। ईडी ने भारत में आठ और विदेश में दो ऐसी अचल संपत्तियों की पहचान की है।
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