पूर्वी एशिया में बढ़ा तनाव, रूस-उत्तर कोरिया में समझौते के बाद अमेरिकी युद्धपोत पहुंचा दक्षिण कोरिया
पूर्व एशिया में एक तरफ जहां उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच आपसी विवाद कम नहीं हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियों के इन देशों के साथ हलिया रिश्ते ने दुनिया के सभी देशों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।
सियोल (आरएनआई) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 सालों में पहली बार इस हफ्ते उत्तर कोरिया का दौरा किया और वहां के शासक किम जोंग उन के साथ एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसी बीच शनिवार को परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एक अमेरिकी विमानवाहक जहाज थियोडोर रूजवेल्ट दक्षिण कोरिया के बंदरगाह शहर बुसान पहुंचा है।
दक्षिण कोरिया की नौसेना के मुताबिक ये जहाज इस दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में शामिल होगा। बता दें कि अगस्त 2023 में कैंप डेविड शिखर सम्मेलन में तीनों देशों के नेताओं ने वार्षिक सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित करने पर सहमति जताई थी, क्योंकि उन्होंने दक्षिण चीन सागर के विवादित जलमार्ग में चीन के खतरनाक और आक्रामक व्यवहार की निंदा की थी।
वहीं रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुआ रक्षा समझौता कई सालों से एशिया में रूस के सबसे महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक था, जिसे किम जोंग उन की तरफ से गठबंधन के रूप में बताया गया। बता दें कि अपनी उत्तर कोरिया यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने द्वितीय विश्व युद्ध में कोरिया को आजाद कराने की जंग में मारे गए रेड आर्मी के सैनिकों के स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह में हिस्सा लिया था। वहीं इस दौरान उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाईयों के लिए देश के दृढ़ समर्थन की सराहना की थी।
वहीं अगर अमेरिकी जहाज थियोडोर रूजवेल्ट के दक्षिण कोरिया के दौरे की बात करें तो सात महीने बाद किसी अमेरिकी विमानवाहक जहाज की ये पहली यात्रा है। इससे पहले एक अन्य अमेरिकी विमानवाहक जहाज कार्ल विंसन दक्षिण कोरिया की यात्रा पर पहुंचा था। तीनों देशों के बीच होने वाला ये संयुक्त सैन्य अभ्यास चीन के खिलाफ तैयार होने के लिए किया जा रहा है।
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