पूर्वी इंफाल-बिष्णुपुर में सुरक्षा बलों ने चलाया तलाशी अभियान
मणिपुर पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि पहाड़ी और घाटी जिलों के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा तलासी अभियान चलाया गया। बता दें कि पूर्वी इंफाल घाटी क्षेत्र में है, जबकि, बिष्णुपुर जिला पहाड़ों में बसा है।
इंफाल (आरएनआई) मणिपुर के पूर्वी इंफाल और बिष्णुपुर जिलों के कुछ हिस्सों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया। तलाशी के दौरान 11 ग्रेनेड, छह आईईडी, पांच 303 राइफल्स, तीन डेटोनेटर, एक कार्बाइन, एक हैंडगन, विभिन्न प्रकार के बम, गोला-बारूद और चार वॉकी-टॉकी पाए गए।
राज्य पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा, "पहाड़ी और घाटी जिलों के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा तलासी अभियान चलाया गया।" बता दें कि पूर्वी इंफाल घाटी क्षेत्र में है, जबकि, बिष्णुपुर जिला पहाड़ों में बसा है। पुलिस ने बताया कि बिष्णुपुर जिले में हाई कैनाल के पास कीनू मैनिंग में तलाशी के दौरान एक एसएमजी कार्बाइन, एक नौ मिमी पिस्तौल, नौ ग्रेनेड, दो स्मोग बम और विभिन्न हथियार बरामद किए गए।
एक अन्य अभियान के तहत पूर्वी इंफाल जिले में तलाशी के दौरान पांच 303 राइफल्स, दो 12-बोर बंदूक, तीन भारी मोर्टार, एक नौ मिमी पिस्तौल, विस्फोटक और अन्य चीजें बरामद की गई। असम राइफल्स ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा एक घर को जलाने के प्रयास के बाद अर्धसैनिक बल ने सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस के साथ समन्वय में बुधवार को जिरीबाम में एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया।
मणिपुर में पिछले एक साल से ही हिंसा जारी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
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