पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झटका, घोटाले मामले में अदालत ने अंतरिम जमानत देने से किया इनकार
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत से 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी।
मुंबई (आरएनआई) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर झटका लगा है। रांची की विशेष पीएमएलए अदालत ने भूमि घोटाले के एक मामले में उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के भाई राम सोरेन का शनिवार सुबह निधन हो गया। वह लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे। बताया जाता है कि वह रांची में ही रहते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत से 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी।सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जमीन से जुड़े घोटाले के मामले में धन शोधन का आरोप है। पूर्व सीएम फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा सोरेन की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए ईडी को एक और सप्ताह का समय दिया गया है।
सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित 'फ्रंटमैन' राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
ईडी ने रांची में स्थित जमीन भी कुर्क की है और अदालत से भूखंड जब्त करने का अनुरोध किया है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच झारखंड पुलिस की ओर से राज्य सरकार के अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ भूमि घोटाले के मामलों में दर्ज कई एफआईआर से संबंधित है। मामले में मुख्य आरोपी प्रसाद है, जो सरकारी रिकॉर्ड का संरक्षक था। ईडी ने एक बयान में कहा था कि उन पर आरोप है कि उन्होंने सोरेन समेत कई लोगों को भू-संपत्तियों के रूप में अवैध कब्जे, अधिग्रहण और अपराध से प्राप्त धन रखने से जुड़ी गतिविधियों में सहायता करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। ईडी ने दावा किया था कि झारखंड में भू-माफिया का एक रैकेट सक्रिय है जो रांची में जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता है।
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