सुलतानपुर: पूर्व विधायक भगेलूराम के आवास पर समाज सुधारक महात्मा फुले जयंती मनाई गई 

Apr 11, 2025 - 21:28
Apr 11, 2025 - 21:28
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सुलतानपुर: पूर्व विधायक भगेलूराम के आवास पर समाज सुधारक महात्मा फुले जयंती मनाई गई 

सुलतानपुर (आरएनआई)  कादीपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सपा नेता भगेलू राम के आवास/कैम्प कार्यालय पर आज़ समाज सुधारक, दार्शनिक और लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई।

पूर्व विधायक सपा नेता भगेलू राम ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज्योतिबा फुले को महात्मा फुले के नाम से भी जाना जाता है।उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान तथा सामाजिक जड़ताओं व कुरीतियों को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया। महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। माली के काम में लगे ये लोग फुले के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा फुले का जीवन और उनके विचार व महान कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं।

वर्ष 1841 में उनका दाखिला स्कॉटिश मिशनरी हाईस्कूल, पुणे में हुआ, जहां से उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की। महात्मा ज्योतिबा फुले की विचारधारा स्वतंत्रता, समानता और समाजवाद पर आधारित थी। महात्मा फुले का मानना था कि समाज की बुराइयों से निपटने का एकमात्र जरिया स्त्रियों, निम्न वर्ग के लोगों को शिक्षा प्रदान करना है। वर्ष 1873 में उन्होंने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर सत्यसोधक समाज का गठन किया। कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए आश्रम पद्धति विद्यालय के पूर्व अधीक्षक भगवान दीन ने कहा कि महात्मा फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे। इसके लिए स्त्रियों को शिक्षित करना बेहद आवश्यक था। उन्होंने अपनी पत्नी में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी देखकर उन्हें पढ़ाने का मन बनाया और प्रोत्साहित किया। सावित्रीबाई ने अहमदनगर और पुणे में टीचर की ट्रेनिंग ली। उन्होंने साल 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्कूल खोला। इस स्कूल में उनकी पत्नी सावित्रीबाई पहली शिक्षिका बनीं।

समाज सुधार के इन अथक प्रयासों के चलते 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में सामाजिक कार्यकर्ता विठ्ठलराव कृष्णजी वांडेकर द्वारा उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई। 1890 को 63 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था। कार्यक्रम में सपा विधानसभा अध्यक्ष रंजीत यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताराम यादव, सुनील यादव एडवोकेट, विपिन कुमार, बुद्धिराम पेन्टर, मुन्ना लाल प्रधान सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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